राहुल गाँधी के करीबी सचिन राव ने गुरुवार को पार्टी के कार्यकर्ता एवं नेताओं को प्रशिक्षण दिए जाने वाले विशेष दल के नामकरण का जिक्र किया और पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गाँधी की उपस्थिति में चल रही बैठक में ही उन्हें 'प्रेरक' शब्द से संबोधित करने की बात कही। लेकिन......
नक्सलियों ने अपने पर्चे में लिखा कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करना मोदी सरकार की तानाशाही और हिटलरशाही को दिखाता है। नक्सलियों ने दादू राम को मारने का कारण बताते हुए लिखा कि वह भाजपा और संघ से जुड़े हुए थे।
बकौल कृष्ण गोपाल, सिंध के अंतिम हिन्दू राजा दाहिर की पत्नियाँ जब जौहर करने जा रही थीं, तब उन्होंने 'म्लेच्छ' शब्द का प्रयोग किया था। रानियों का मानना था कि अगर उन्होंने जल्द से जल्द जौहर कर अपने प्राण नहीं त्यागे तो 'म्लेच्छ' लोग (इस्लामिक आक्रांता) आकर उन्हें छू देंगे।
महात्मा गाँधी की हत्या के लिए भी इमरान ख़ान ने आरएसएस को ज़िम्मेदार ठहराया। इमरान ने कहा कि नेहरू की मृत्यु के बाद संघ की पकड़ मजबूत होती चली गई। उन्होंने दावा किया कि संघ हिन्दुओं के अलावा बाकी सभी लोगों को दोयम दर्जे का नागरिक मानता है।
"दुनिया को यह ज़रूर देखना चाहिए। RSS के 'गुंडे' खुले तौर पर हिंसा कर रहे हैं। जिन्न अब बोतल से बाहर आ चुका है। अगर विश्व समुदाय ने समय पर कार्रवाई नहीं की तो नरसंहार और घृणा का यह सिद्धांत फैलता चला जाएगा।"
"शिक्षा प्रणाली को बदला जाना चाहिए, और यह लोगों द्वारा किया जा सकता है, क्योंकि भारत में शिक्षा प्रणाली पूरी तरह से सरकार द्वारा नियंत्रित नहीं है और समाज का भी इस पर कुछ नियंत्रण है। अगर समाज को लगता है कि शिक्षा प्रणाली में बदलाव होना चाहिए, तो..."
"भारत सरकार जम्मू कश्मीर की भौगोलिक परिस्थितियों को जबरदस्ती बदलना चाहती है। क्या दुनिया सिर्फ़ देखती रहेगी और समर्थन करती रहेगी, जैसा कि म्यूनिख में हिटलर के काल में हुआ था?"
मंत्री मोहसिन रज़ा ने मुस्लिमों को भगवा पहनने की सलाह देने के साथ-साथ RSS के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की निस्वार्थ सेवा करने वालों के संघ को ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कहते हैं।अगर RSS अच्छा काम कर रहा है तो इससे किसी को कोई परेशानी क्यों होती है?
भागवत ने कहा कि देश में आज जो हालात हैं, उन्हें देखते हुए सभी प्रचारकों को काफी सतर्क रहने की जरूरत है। कहीं भीड़ हिंसा के नाम पर सियासत करके समाज में घृणा फैलाने का काम किया जा रहा है, तो कहीं गाय के नाम पर। कुछ राज्यों में तो योजना के तहत धर्म परिवर्तन भी करवाया जा रहा है।