ED ने रतुल पुरी के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। इसके मुताबिक लेनदेन के पैसे भारत और विदेशों के महँगे होटलों में ऐशो-आराम पर खर्च किए गए। प्रोवोकेटर नाम के नाइटक्लब में तो एक ही रात में उसने 11,43,980 डॉलर खर्च कर दिए थे।
ED की चार्जशीट में उल्लेख किया गया है कि रतुल पुरी, जो मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ के भांजे हैं, और उनके सहयोगियों ने लगभग 30 बैंकों और वित्तीय संस्थानों से व्यवसाय के लिए 8000 करोड़ रुपए की धनराशि ली और उनका दुरुपयोग किया।
“कॉन्ग्रेस ने गोमाता को वोट प्राप्ति का साधन बना लिया है। ये गोमाता की रक्षा की बजाय अपने हितों को साधने का काम कर रहे हैं। मैं आग्रह करता हूँ कि गोमाता पर ऐसे खेल बंद होना चाहिए। सरकार तत्काल गौशालाएँ खोलें, उसमें गायों को भेजें, ताकि ये अकाल मृत्यु का शिकार न हों।”
सिंधिया ने अब राज्य सरकार की ट्रांसफर और पोस्टिंग पर सवाल उठाए हैं। सरकार पर तंज कसते हुए कहा, “ट्रांसफर- पोस्टिंग का क्या हाल है वो तो सब जानते ही हैं। मैं आपसे ये कहूँगा कि आप काम पर ध्यान दें।”
जीएम डामोर के सांसद चुने जाने के कारण उपचुनाव हो रहा है। इससे पहले जून में विजयवर्गीय ने कहा था कि कॉन्ग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुरेश पचौरी ने उनसे कमलनाथ सरकार को गिराने के लिए सम्पर्क किया था।
मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव ने सिंधिया को कॉन्ग्रेस छोड़ने की सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि कॉन्ग्रेस ने सत्ता में आने के 10 दिन के भीतर कर्ज माफी का वादा किया था। इस मसले पर हाल ही में ज्योतिरादित्य ने राज्य सरकार को घेरा था।
चुनाव के दौरान राहुल गॉंधी ने अडानी को एक रुपए प्रति मीटर की दर से 35 हजार एकड़ जमीन देने का आरोप मोदी पर लगाया था। अब उन्हीं अडानी को लुभाने के जतन में कॉन्ग्रेस सरकार लगी है।
इन ट्वीट्स के बाद सोशल मीडिया में लोग मध्य प्रदेश की राजनीति पर चुटकी लेने से नहीं चूके। लोगों का कहना है कि दिग्विजय सिंह, कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच ही एक-दूसरे को गलत दिखाने की होड़ लगी हुई है।
“किसानों का कर्ज पूरी तरह से माफ नहीं किया गया है। केवल 50 हजार रुपए का कर्ज माफ किया गया है, जबकि हमने कहा था कि 2 लाख तक का कर्ज माफ किया जाएगा। 2 लाख रुपए तक के कर्ज को माफ किया जाना चाहिए।”