अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने तिहाड़ जेल अधीक्षक और निर्भया के माता-पिता की याचिका पर करीब एक घंटे तक चली सुनवाई के बाद नया डेथ वारंट जारी किया। यह तीसरा डेथ वारंट है। इससे पहले 22 जनवरी को और फिर एक फरवरी को फॉंसी के लिए डेथ वारंट जारी हो चुके हैं।
लड़की के साथ हैवानियत का खुलासा तब हुआ जब लड़की के जख्म स्कूल की टीचर ने देखे। टीचर ने ही बच्ची से उसके जख्मों के बारे में सवाल किया और सारी बात जानने के बाद चाइल्डलाइन को सूचित किया।
रात का समय और लड़की के फोन की बैटरी खत्म। मतलब घर जाने को कैब भी बुक नहीं कर सकती थी वो। तभी दो लोग आते हैं, खुद को कैब ड्राइवर बताते हैं। झाँसे में लेकर गाड़ी में बिठा कर घर छोड़ने की बात करते हैं। फिर बीच रास्ते में बारी-बारी से रेप करते हैं। विरोध करने पर कहते हैं - "अच्छी महिला बनो, जो कहते हैं करो।"
दोनों के बीच फोन पर खूब बातें होती थीं, जिसके बाद युवती उस लड़के से प्रेम करने लगी थी। युवती भी लड़के से मिलना चाहती थी, इसीलिए मौका देख कर आरोपित ने उसे बुला लिया। जब उक्त युवती वहाँ पर पहुँची, तब आरोपित उसे बाइक पर बिठा कर सेकड्डा इलाके में गनपुर जंगल की तरफ ले गया।
"सब इंस्पेक्टर उमराव खान से किन्हीं वजहों से मेरा संपर्क 2016 में हुआ था। उसने अपने तीन साथियों इब्राहिम, हाजी मैनुद्दीन और शाहिद के साथ मिलकर नशीला पदार्थ खिलाकर मेरे साथ गैंगरेप किया। अब इसका वीडियो वायरल करके..."
"जो केंद्र सरकार के हाथ में था, वो मोदी सरकार ने किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दोषियों की दया याचिका खारिज कर दी। अगर दिल्ली सुरक्षित नहीं है, तो इसके लिए सिर्फ और सिर्फ अरविंद केजरीवाल ही जिम्मेदार हैं। भुगतना पड़ेगा इनको।"
कंगना रनौत 'महिला-विरोधी' हैं, क्योंकि वो बलात्कारियों का समर्थन नहीं करतीं। वामपंथी गैंग नाराज़ है, क्योंकि वो चाहता है कि कंगना अँग्रेजों के तलवे चाटे और महाभारत को 'मिथक' बताएँ। न्यूज़लॉन्ड्री निर्भया की माँ को उपदेश देकर कह रहा है ये 'न्याय' नहीं बल्कि 'बदला' है।
"वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने जिस तरह से मुझसे सवाल किया। ये मानव अधिकारों के नाम पर समाज को धोखा देना है। बच्चियों के साथ हो रहे अपराधों का मज़ाक बनाना है। ये मानव अधिकारों के नाम पर बिज़नेस चलाते हैं और सिर्फ़ और सिर्फ़ मुजरिमों को सपोर्ट करते हैं।"
"इस घटना में एक दोषी नाबालिग था, जो रेप करता है। जो रेप करने के काबिल है उसे किस हिसाब से नाबालिग बताया जा सकता है। ऐसे लोगों को चौराहे पर फाँसी दे देनी चाहिए। ऐसे दोषियों को पता होना चाहिए कि रेप क्या होता है और इसकी सजा क्या होती है।"