Sunday, November 24, 2024

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दिल्ली

छात्रों के एक गुट के कारण हजारों की पढ़ाई अधर में, JNU ने जारी की अपील- क्लास में लौटें प्रदर्शनकारी

जेएनयू प्रशासन ने बताया कि अकादमिक काउंसिल और एग्जीक्यूटिव काउंसिल द्वारा नया अकादमिक कैलेंडर जारी कर दिया गया है। प्रशासन ने कहा कि छात्रों के प्रदर्शन की वजह से यूनिवर्सिटी के कैलेंडर में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा और समय-सीमा में किसी प्रकार की ढील नहीं दी जाएगी।

केजरीवाल बढ़ा सकते हैं ऑड-इवेन स्कीम की डेडलाइन, सुप्रीम कोर्ट ने भेजा नोटिस

अपने नोटिस में सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि वह चाहेगी कि दिल्ली सरकार उसे समझाए कि दोपहिया वाहनों, तीनपहिया वाहनों और टैक्सियों के मुकाबले कम प्रदूषण करने वाली कारों को रोककर वह क्या हासिल कर रही है।

मात्र ₹20 देकर सिंगल रूम में रहते हैं JNU के छात्र, बिजली बिल देने को कहा तो सड़क पर उतरे

अगर पहले और अभी के फी की बात करें तो मेस बिल और इस्टैब्लिशमेंट चार्ज में कोई बदलाव नहीं किया गया है। छात्रों को बस बिजली और सफाई का बिल देने कहा गया। इसके विरोध में शुरू हुए प्रदर्शन को वामपंथी छात्र नेता हिंसक रूप देने की कोशिश कर रहे हैं।

JNU में महिला प्रोफेसर के कपड़े फाड़ने की कोशिश, विरोध-प्रदर्शन के दौरान पुलिस से भिड़े छात्र

"जेएनयू में एक महिला प्रोफेसर के साथ इतनी बदसलूकी? यह कोई छात्र आन्दोलन नहीं हो सकता। ताज्जुब नहीं होगा यदि यह कपड़े फाड़ने का प्रयास करने वाली वामपंथी विचारधारा की समर्थक छात्रा, कल महिला अधिकारों पर भाषणबाजी करते हुए दिखे। शर्मनाक!"

दीक्षांत समारोह में पहुँचे उपराष्ट्रपति: JNU के हजारों छात्र उतरे सड़क पर फीस समेत कई मुद्दों के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन

फीस वृद्धि के अलावा छात्रों की माँग है कि हॉस्टल में किसी छात्र से सर्विस चार्ज नहीं लिया जाए, हॉस्टल में आने-जाने के लिए समय सीमा को खत्म किया जाए, हॉस्टल में ड्रेस कोड नहीं लागू किया जाए, साथ ही नए हॉस्टल मैन्यू पूरी तरह रद्द किया जाए।

‘दिल्ली में प्रदूषण 25% कम’- केजरीवाल के इस दावे को ग्रीन पीस ने किया ख़ारिज, कहा- AAP का विज्ञापन गलत

ग्रीनपीस इंडिया ने सैटेलाइट डेटा के हवाले से कहा है कि साल 2013 से 2018 तक पीएम 2.5 के स्तर में कोई भी कमी नहीं दिख रही हैं। उनका कहना है कि पिछले 3 सालों की तुलना में केवल साल 2018 के अंतिम महीनों में प्रदूषण के स्तर में कुछ कमी आई है।

दिल्ली, लुटियंस जोन और प्रदूषण… लेकिन इसी भारत में गाजियाबाद और झरिया भी है, धुएँ-धूल में दम तोड़ता!

गाजियाबाद... वो शहर, जो रिकॉर्डधारी है - प्रदूषण रैंकिंग में लगातार देश के अग्रणी शहरों की सूची में बने रहने के लिए। एक है झरिया। वो शहर, जहाँ लोग चाहे जिस भी रंग का शर्ट पहन सुबह घर से निकलें, शाम को लौटते सभी एक ही रंग का शर्ट पहन कर - काला!

किसानों को जिम्मेदार ठहरा कर नाकामी छिपाने वालो, जरा प्रदूषण के असली कारकों पर भी गौर कर लो

पंजाब-हरियाणा का पानी किसान पी जाता है। दिल्ली में प्रदूषण भी किसान ही फैलाता है। ऐसी दलीलें देकर असली समस्याएँ छिपाई जा रही हैं। अगर आप सोचते हैं कि किसान 14 लाख की मशीन ख़रीद कर कटाई करे तो आपको जमीनी समझ नहीं। सरकारें और एमएनसी के इस जाल के जंजाल को समझिए।

जब 4 दिन में स्मॉग से मरे 12000 लोग: वे सॅंभल गए, लेकिन हम दिल्ली वाले कब सीखेंगे

ये वाकया लंदन के सबसे बड़े नागरिक संकटों में गिना गया। जिसके कारण 2 लाख से ज्यादा लोग बीमार पड़े और 12,000 लोगों से ज्यादा की जानें गईं। तबाही के इस धुएँ को वहाँ ग्रेट स्मॉग ऑफ लंदन का नाम दिया गया।

7 दिन में डेंगू के 230 मामले: केजरीवाल ने कहा डेंगू की तरह ही प्रदूषण को भी हराएँगे

पिछले हफ्ते डेंगू के 230 से अधिक नए मामले सामने आए थे। यह इस साल अब तक के एक हफ्ते में सबसे ज्यादा है। दिल्ली में इस साल अब तक डेंगू के 1,069 मामले सामने आ चुके हैं।

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