इस वीडियो में देखा जा रहा है कि सड़क पर घूम रहे एक गरीब, बेसहारा को पुलिसकर्मी अपनी जेब से 100 रुपए दे रहे हैं। बेसहारा आदमी पुलिसकर्मी के आगे हाथ फैलाते हुए देखा जा रहा है।
केरल के कासरगोड जिले के डेलमपेडी में एक उप-निरीक्षक समेत चार पुलिसकर्मियों पर उस वक्त हमला किया गया जब ये लोग स्वास्थ्य विभाग की एक टीम की कॉलोनी में प्रवेश करने में मदद कर रहे थे। स्थानीय लोगों द्वारा किए गए इस हमले में 4 पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं।
मैनपुरी की एक मस्जिद में नमाज अदा करने के लिए भीड़ इकट्ठा हो गई। पुलिस ने जब रोका तो मुस्लिम समाज के लोग आक्रोशित हो गए। अधिकारियों ने किसी तरह लोगों को समझा-बुझाकर हालात पर काबू पाया।
खुद को देवी का रूप बताने वाली सुभद्रा यादव लॉकडाउन के बावजूद अपने घर में लोगों को इकट्ठा कर झाड़-फूँक कर रही थी। पुलिस जब मौके पर पहुॅंची तो उसने तलवार निकाल कर कार्रवाई का विरोध किया।
उत्तर प्रदेश में पुलिस ने एक ट्वीट के द्वारा बताया कि उन्होंने व्हाट्सएप के जरिए बुजुर्ग की दवा मँगवाकर उनके घर तक पहुँचाई। इसी के साथ जरूरतमंद लोगों के घरों तक किचन से सम्बंधित खाने की वस्तुएँ भी उपलब्ध करवा रही है।
जिले में घोषित लॉकडाउन के बाद भी एक मौलवी द्वारा मदरसे में बच्चों को पढ़ाया जा रहा था। इसकी जानकारी जब जिला प्रशासन को हुई तो उसने तत्काल कार्रवाई करते हुए मदरसा संचालक को हिरासत में ले लिया।
तोमर बीजेपी के मंडल अध्यक्ष थे। AIMIM के पश्चिमी यूपी के प्रभारी आरिफ की गिरफ्तारी के बाद इस हत्या में कुरैशी की भूमिका उजागर हुई थी। लेकिन वह फरार हो गया था।
कानपुर में हुई हिंसा के लिए सरकार द्वारा गठित की गई जाँच कमेटी ने यतीमखाना में 2 लाख 80 हजार रुपए के नुकसान का आकलन करके वसूली का नोटिस 21 लोगों को जारी किया था।
हिंसा के काफी समय बाद तक पुलिस का शक शाह आलम की तरफ नहीं गया था। जिसके कारण उसके ऊपर कोई एफआईआर नहीं हुई और न ही उससे कोई पूछताछ हुई। बस फिर क्या था, इसी का फायदा उठाकर वह फरार हो गया।
अशफाक ने सर्वोच्च अदालत में याचिका दायर कर कहा है कि यूपी में उसकी जान को खतरा है, इसलिए हत्या के केस को दिल्ली या किसी अन्य राज्य में शिफ्ट किया जाए। इस मामले पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने...