भारत ने ब्रिटिश उच्चायुक्त के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है। कहा - "जेन मैरियट का कदम भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के खिलाफ है, जो अस्वीकार्य है।"
जब भारत विश्व की आर्थिक महाशक्ति बनेगा, व्यापार और उत्पादन दोनों ही भारत पर अधिक निर्भर होगा तब वैश्विक मंच पर स्वतः ही हिन्दी महत्वपूर्ण भूमिका का वहन करेगी।