मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए एक व्यक्ति को अपनी पूर्व लिव-इन पार्टनर को गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया है। आरोपित व्यक्ति ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी, जिसे कोर्ट ने 1500 रुपए प्रति माह गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया था।