थिरुमावलवन इससे पहले भी हिन्दुओं की आलोचना कर चुके हैं और बाद में वो अपने बयान से पलट जाते हैं। हालाँकि, चिदंबरम सांसद ने कथित तौर पर अपने भाषण पर ख़ेद व्यक्त किया है, लेकिन सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने उनसे सार्वजनिक माफ़ी की माँग की है।
यह अभिषेक मातरम नामक हिन्दू साम्राज्य के स्वर्ण काल का भी परिचायक है। उस समय के हिन्दू तावुर अगुंग नामक एक अनुष्ठान करते थे, जिसके बारे में वे मानते थे कि इससे मनुष्यों के साथ समस्त ब्रह्माण्ड को ही पवित्र किया जाता है।
देश के कई मुस्लिम आज भी कबायली प्रवृतियों का अनुसरण करते नजर आते हैं। अल्पसंख्यक इलाकों में अशिक्षा, भुखमरी, दरिद्रता और तमाम प्रकार की गरीबी आज भी उसी तरह से नजर आती है, जिस हाल में बहादुर शाह जफ़र छोड़कर गए थे।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सीता ने पहली बार छठ पूजा बिहार के मुंगेर में गंगा तट पर की थी। इसके प्रमाण स्वरूप आज भी यहॉं अर्घ्य देते उनके चरण चिह्न मौजूद हैं।
सूर्य की शक्तियों का मुख्य श्रोत उनकी पत्नी ऊषा और प्रत्यूषा हैं। छठ में सूर्य के साथ-साथ दोनों शक्तियों की संयुक्त आराधना होती है। प्रात:काल में सूर्य की पहली किरण (ऊषा) और सायंकाल में सूर्य की अंतिम किरण (प्रत्यूषा) को अर्घ्य देकर दोनों का नमन किया जाता है।
परिवार नियोजन कार्यक्रम न आज का है और न इससे जुड़े विज्ञापनों में हिंदू वेशभूषा वालों को दिखाने का चलन। पर, इससे कभी हिंदू भावना आहत नहीं होती। केवल समुदाय विशेष को 'हम दो' धर्म पर हमला दिखता है।
मुख्यमंत्री पारम्परिक पोषक में दिखे। वहाँ उन्होंने परिवार के साथ गायों की पूजा की। बघेल ने इस दौरान गायों को खिचड़ी खिला कर पूजा की परंपरा का पालन किया। गौरी-पूजा में मुख्यमंत्री ने ताबरतोड़ चाबुक भी खाए।
उत्तराखंड में दीपावली के 11 दिन या एक माह बाद माने जाने के पीछे एक और मान्यता बताई जाती है। कहा जाता है कि गढ़वाल क्षेत्र में भगवान राम के अयोध्या पहुँचने की खबर दीपावली के ग्यारह और कुछ स्थानों में एक माह बाद मिली और इसीलिए ग्रामीणों ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए बाद दीपावली का त्योहार मनाया था और इसी परंपरा को निभाते गए।
ट्रम्प ने ख़ुद और अपनी पत्नी मेलेनिया की तरफ़ से लोगों को दिवाली की बधाई देते हुए कहा कि प्रकाश के इस त्यौहार को पूरे उत्साह और उमंग के साथ मनाएँ। ट्रम्प ने कहा कि प्रकाश की अँधकार के ऊपर जीत ही इस त्यौहार के मूल में है। उन्होंने हिन्दुओं, सिखों, जैनों और बौद्धों को शुभकामनाएँ दीं।
भारत में हर जिहादी वामपंथी हो गया है, और वामपंथियों में तो जिहादियों की रक्तधारा तो है ही। इसलिए दोनों सुर में सुर मिला कर चलते हैं। एक जिहादी, जो स्वयं को वामपंथी कहता है, वो अचानक से अपने कपड़े उतार कर मुसलमान हो जाता है क्योंकि उसके मजहब को कुछ लोग कोस रहे हैं।