सच्चाई बताने के बाद भी डॉक्टरों ने फैसला किया कि आगे की जाँच के लिए उसे तीन दिन तक अस्पताल में रखा जाएगा। जाँच पूरी होने के बाद 18 जून को उसे कोर्ट में हाजिर किया गया जहाँ ससून के डॉक्टर ने फ़िरोज़ को मानसिक रूप से स्वस्थ करार दिया। इसके बाद उसे दो दिन की पुलिस कस्टडी में रखा गया।
1990 में भारत बंद के दौरान गुजरात के जामनगर में हिंसा हुई थी। उस समय संजीव भट्ट वहाँ पर एएसपी के रूप में पदस्थापित थे। उस दौरान पुलिस ने 133 लोगों को गिरफ़्तार किया था, जिसमें से 25 घायल हुए थे। उस दौरान प्रभुदास नामक व्यक्ति की हिरासत में ही मौत हो गई थी।
केरल में अपनी सहकर्मी पर धारधार हथियार से वार कर उन्हें जिंदा जलाने वाले पुलिसकर्मी एजाज़ ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। महिला पुलिस ऑफिसर सौम्या पर पेट्रोल डालकर उन्हें जिंदा जलाने के दौरान एजाज़ भी बुरी तरह (40%) झुलस गया था, इसी कारण उसकी भी मौत हो गई।
संतोष पुनेम की लाश सड़क पर पड़ी मिली। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत लोधेड़-मारिमल्ला में निर्माण कार्य किया जा रहा था, जिस वजह से संतोष नक्सलियों के निशाने पर थे।
विनय 16 जून को भारत-पाक मैच में हुई भारत की जीत पर खुशी मना रहा था, तभी 'समुदाय विशेष' के कुछ लोगों के साथ उसकी झड़प हुई थी। देर रात हुई इस झड़प के बाद विनय अपनी झोपड़ी में सोने चला गया। सोमवार की सुबह गाँव वालों ने देखा कि विनय की झोपड़ी से धुआँ उठ रहा है।
अल्लाह मेहर ने अपने ससुर हनीफ को धमकी दी कि अगर वो फिर कभी अपनी छोटी बेटी को देखने आया तो उसके पूरे परिवार को मार डाला जाएगा। हनीफ ने अपने दामाद पर आरोप लगाया कि वह 10 दिनों से नाबालिग को बंधक बनाए हुए है।
वीडियो में दिख रहा है कि टेम्पो चालक तलवार निकाल कर पुलिस वालों को धमकी भरे अंदाज में कुछ कह रहा है और फिर एक पुलिस वाले पर तलवार से वार भी करता है। वीडियो में सभी पुलिस वाले उसके तलवार से बचते दिख रहे हैं और उसे पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
चड्ढा परिवार ने गाज़ियाबाद में एक 'वेव सिटी' प्रोग्राम बनाया था, जिसके तहत इन लोगों ने कुछ ही महीनों में सारी सुविधाओं से युक्त फ्लैट मुहैया कराने का वादा किया था। जहाँ पर वेवसिटी बननी थी, आज वहाँ पशु चरते हैं और किसान खेती करते हैं, ऐसा शिकायतकर्ताओं का मानना है।
एक-एक सेकंड का विलम्ब घातक है। अर्धसैनिक बल भेजे जाएँ, उच्च स्तरीय जाँच कमिटी गठित की जाए, अच्छे वकील खड़े कर कार्यकर्ताओं को न्याय दिलाई जाए? भाजपा अब 'बेचारी' नहीं है और उसे न ही ऐसा दिखावा करने का अधिकार है। कार्यकर्ताओं को चाहिए- न्याय।