दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भाजपा के पूर्वी दिल्ली के उम्मीदवार गौतम गंभीर को कानूनी नोटिस भेजा है। इस नोटिस में गौतम गंभीर को लिखित रूप में तत्काल माफी माँगने के लिए कहा गया है।
कभी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने का दावा करने वाली पार्टी के आज कैसे दिन आ गए हैं। जिसने सभी मर्यादा को ताक पर रख दिल्ली की जनता को ठगने का पूरा मॉड्यूल तैयार किया है। इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा शुरू हो चुकी हैं।
केजरीवाल के मुताबिक गंभीर ने उनका अपमान करने के बाद उन्हीं के ख़िलाफ़ मानहानि का मामला दर्ज कराया है। अब वे भी गौतम गंभीर को मानहानि का नोटिस भेजने जा रहे हैं। केजरीवाल का कहना है कि वो इस मामले को नहीं छोड़ेंगे।
दिल्ली सरकार के मुखिया को ध्यान रखना चाहिए कि कागज़ी आंकड़ों की बाजीगरी करके भले आप वाहवाही लुट ले, करोड़ों लुटाकर मीडिया का ध्यान भटका दें, जिन गरीब के बच्चों को स्कूली व्यवस्था से दूर कर रहे है, उन बच्चों के साथ खिलवाड़ कर राष्ट्र-अपराध कर रहे है।
सुरेश AAP की रैलियों और सार्वजनिक बैठकों के लिए एक आयोजक के रूप में काम करता था। पुलिस ने पार्टी के रजिस्टर्ड कार्यकर्ता से भी इस बारे में पूछा। उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि वो आम आदमी पार्टी के कार्यक्रमों को आयोजित करने में मदद किया करता था।
इससे पहले 3 मई को गाँधी नगर से विधायक अनिल बाजपेयी भाजपा में शामिल हो चुके हैं। इसके बाद 4 मई को पंजाब में अमरजीत सिंह संदोहा कॉन्ग्रेस में शामिल हुए हैं। अमरजीत संदोहा रूपनगर विधानसभा के विधायक हैं।
आम आदमी पार्टी के समर्थकों या फिर प्रशंसकों के लिए अब केजरीवाल के नजदीक जाना काफी मुश्किल होगा। अब वो पहले की तरह करीब जाकर ना तो हाथ मिला सकते हैं और ना ही माला पहना सकते हैं। केजरीवाल के आस-पास सुरक्षाबलों का मजबूत घेरा होगा।
कारण जो भी हो पर, लोकतंत्र में जनता अपने नेता से कितनी भी नाराज क्यों न हो, फिर भी इस तरह से शारीरिक हिंसा पर उतर आना घोर निंदनीय है। अगर कोई पार्टी वास्तव में इसे पब्लिसिटी या चंदे का साधन बना कर प्रयोग कर रही है तो ये भी लोकतान्त्रिक व्यस्था का मजाक बनाना ही है।
सूत्रों का तो ये भी कहना है कि जब भी केजरीवाल को कहीं पर थप्पड़ या घूँसा पड़ता है, तब-तब आम आदमी पार्टी के चंदों में व्यापक उछाल आता है। भारत को अंग्रेजों से आजाद करवाने के लिए महात्मा गाँधी ने अनशन का मार्ग चुना था और संत केजरीवाल ने मोदी के चंगुल से देश को छुड़ाने के लिए अगर अपनी कुटाई करवाने का मार्ग चुना है तो इसमें बुराई है क्या?