“आपको यह समझना चाहिए कि एक विभाजन वहाँ मौजूद है। हमारे घरों में भी तो टॉयलेट-बाथरूम अटैच बन रहे हैं। अगर हमारे रिश्तेदार घर में अटैच टॉयलेट-बाथरूम होने के कारण खाने से मना कर दें तो आप क्या कहेंगे?”
इससे पहले शिवराज सिंह चौहान ने कहा था, "हम यहां (मध्यप्रदेश) सरकार गिराने का कारण नहीं बनेंगे। कांग्रेस नेता खुद ही सरकार के पतन के लिए जिम्मेदार होंगे। हम इसमें कुछ नहीं कर सकते।"
कमलनाथ सरकार अपने चुनावी वादे से मुकर गई। मध्य प्रदेश की कॉन्ग्रेस सरकार ने कहा कि राज्य में बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने की कोई योजना नहीं है। मुख्यमंत्री ने यह जानकारी देते हुए कहा कि...
मध्य प्रदेश ने विस्थापितों का मुद्दा पहली बार गत 27 मई को ही उठाया था। उस समय मध्य प्रदेश सरकार का कहना था कि 6000 से ज्यादा लोगों का पुनर्वास अभी लंबित है।
पदाधिकारियों का कहना था कि नगर निगम ने ख़ुद इस निर्माण (कीर्ति स्तम्भ) की अनुमति दी थी। इस पर सवाल उठाते हुए धरना प्रदर्शनकारियों का कहना था कि अनुमति देने के बाद तोड़-फोड़ क्यों की गई?
कॉलेज का कहना है कि कारगिल युद्ध पर आधारित अच्छे लेखकों की पुस्तकें नहीं हैं, जिस कारण इससे जुड़े चैप्टर को हटाना पड़ा। भाजपा ने इसका कड़ा विरोध किया है। भाजपा का कहना है कि इस युद्ध के वक़्त अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे, इसलिए कॉन्ग्रेस इस युद्ध के बारे में छात्रों को शिक्षा नहीं देना चाहती है।
कमलनाथ सरकार श्री लंका के दिवुरुमपोला में एक मंदिर बनाने की योजना बना रही है। इस मंदिर का निर्माण उसी जगह पर किया जाएगा, जिसे माता सीता का अग्निपरीक्षा स्थल माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इसी स्थान पर सीता ने लंका-युद्ध के बाद पहली अग्निपरीक्षा दी थी।
डॉ कुंडू सरफ़राज़ की माँ के कैंसर का इलाज लंबे समय से कर रहे थे। माँ के स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं होने से सरफ़राज़ खिन्न था। इसके बाद वो अपनी माँ को मुंबई ले गया जहाँ उसे पता चला कि उसकी माँ को ग़लत कीमो दिया गया था। इसके कुछ रोज बाद उसकी माँ का देहांंत हो गया।
इस मामले पर कमलनाथ सरकार के पंचायती राज मंत्री कमलेश्वर पटेल ने सफ़ाई देते हुए कहा है, "यह गलती सरकार के स्तर से नहीं हुई है। निचले स्तर पर ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। हमने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। जिसने भी यह गलती की होगी उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।"
मध्य प्रदेश की कॉन्ग्रेस सरकार ने भोपाल में मुख्यमंत्री के आवास सहित मंत्रियों के निवास का नवीनीकरण करने का भी निर्णय लिया है। उल्लेखनीय है कि भोपाल में सीएम का आवास दिसंबर 2018 से खाली पड़ा है, क्योंकि कमलनाथ अभी वहाँ शिफ्ट नहीं हुए हैं।