कर्नाटक में कॉन्ग्रेस को मिला जनादेश कुछ समुदायों और एक विशेष मजहब की खुशफहमियों की उपज है। क्या मनवांछित हिस्सेदारी नहीं मिलने पर ये कॉन्ग्रेस और कर्नाटक को चैन से जीने देंगे?
शिवकुमार ने मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर आलाकमान को संदेश दे दिया है। इसमें उनके तेवर भी छिपे हैं। कॉन्ग्रेस आलाकमान के प्रति अपने समर्पण की भी याद दिलाई है।
भाड़े के सैनिकों से भी युद्ध तभी जीते जाते हैं जब सेनापति खुद सक्षम हो। पर कॉन्ग्रेस का 'स्वयंभू सेनापति' निस्तेज और सामर्थ्यहीन है। खासकर जब मुकाबला नरेंद्र मोदी नाम के राजनीतिक बाहुबली से हो।
अगर BJP हिंदुत्व छोड़ देती तो ईदगाह मैदान और हिजाब पर कड़ा स्टैंड नहीं लेती। अगर हिन्दू नाराज़ होते तो CT रवि जैसे फायरब्रांड नेता नहीं हारते। कारण कई हो सकते हैं, लेकिन ये नहीं कि भाजपा हिंदुत्व से भटक गई या हिन्दू नाराज़ हैं।