यासीन मलिक को एनआईए ने टेरर फंडिंग से जुड़े मामले में गिरफ़्तार किया था। यासीन और मशाल की शादी इस्लामाबाद में ही हुई थी। इस समारोह में पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर के कथित प्रधानमंत्री सहित पाकिस्तान व कश्मीर के कई नेता व अलगाववादी शामिल हुए थे।
इमाम मुहम्मद तौहीदी ने कहा है, "पाकिस्तान और कश्मीर दोनों भारत के हैं। हिन्दुओं के धर्म बदलकर मुस्लिम बनने से इस सच को झुठलाया नहीं जा सकता कि वह पूरा इलाका हिन्दू भूमि है।" साथ ही बलूचिस्तान की आजादी का भी समर्थन किया है।
विपक्ष की उलूल-जुलूल बयानबाजी से पाकिस्तान और अलगाववादियों को भी शह मिल रही है। इसके कारण सोशल मीडिया में यूजर्स जमकर विपक्ष पर निशाना साध रहे हैं और कह रहे हैं कि देश के विपक्षी नेताओं ने अपने रुख से पाकिस्तान को भी हैरान कर दिया है।
वैष्णव मान्यताओं में इस कहानी की प्रतीकों के रूप में मान्यता भी है। ऐसा माना जाता है कि हाथी यहाँ जीव का स्वरूप है, मगरमच्छ उसके पाप और माया हैं, जिस नदी के कीचड़ जैसे स्थान में हाथी मगरमच्छ के जबड़े में फँसा है, वो कीचड़ संसार है।
मंगलवार को पाकिस्तान के मंत्री फवाद हुसैन ने ट्वीट करते हुए लिखा था- "मैं भारतीय सेना में मौजूद पंजाबियों से अपील करता हूँ कि वे कश्मीर में हो रहे जुल्म का हिस्सा ना बनें और कश्मीर में ड्यूटी से इनकार कर दें।"
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने रहमान मलिक के प्रोपेगंडा गुब्बारे में पिन चुभोते हुए खुलासा किया कि जो वीडियो वह बाँट रहे हैं, वह एक बम धमाके का पुराना वीडियो है। यह पाकिस्तान और उसकी ख़ुफ़िया एजेंसी ISI की साइबर युद्धनीति का हिस्सा है, जिससे हिंदुस्तान में, और खासकर सुरक्षा बलों में, तनाव भड़का कर शांति भंग किया जा सके।
वाइको को चेन्नई की एक अदालत लिट्टे का समर्थन करने पर देशद्रोह का दोषी करार दे चुकी है। एक साल की सजा सुनाते हुए उन पर 10,000 जुर्माना लगाया गया था। हालाँकि बाद में उनकी सजा पर रोक लगा दी गई थी।
"ये कश्मीर का मसला आज का है? ये पिछले 5 अगस्त से शुरू हुआ है? ये तो सात दहाईयों से है। तीस साल से क्या हुआ इस पर? मैं सवाल करता हूँ न! क्या ये मसला कोई नया है?"
पाकिस्तान के Addl IGP डॉ. जमील अहमद ने 'बेचारे कश्मीरियों के मानवाधिकार का हनन' के अपने प्रोपगेंडा को हवा देने के लिए हिन्दुस्तान की सरकार को 'अमानवीय' करार देने वाले बरखा दत्त के ट्वीट को शेयर किया है। यह प्रोपगेंडा भारत के खिलाफ पाकिस्तान वर्षों से चला रहा है और बरखा के बयान कई मौकों पर उनके काम आए हैं।