जेएनयू प्रशासन ने बताया कि अकादमिक काउंसिल और एग्जीक्यूटिव काउंसिल द्वारा नया अकादमिक कैलेंडर जारी कर दिया गया है। प्रशासन ने कहा कि छात्रों के प्रदर्शन की वजह से यूनिवर्सिटी के कैलेंडर में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा और समय-सीमा में किसी प्रकार की ढील नहीं दी जाएगी।
अपने नोटिस में सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि वह चाहेगी कि दिल्ली सरकार उसे समझाए कि दोपहिया वाहनों, तीनपहिया वाहनों और टैक्सियों के मुकाबले कम प्रदूषण करने वाली कारों को रोककर वह क्या हासिल कर रही है।
अगर पहले और अभी के फी की बात करें तो मेस बिल और इस्टैब्लिशमेंट चार्ज में कोई बदलाव नहीं किया गया है। छात्रों को बस बिजली और सफाई का बिल देने कहा गया। इसके विरोध में शुरू हुए प्रदर्शन को वामपंथी छात्र नेता हिंसक रूप देने की कोशिश कर रहे हैं।
"जेएनयू में एक महिला प्रोफेसर के साथ इतनी बदसलूकी? यह कोई छात्र आन्दोलन नहीं हो सकता। ताज्जुब नहीं होगा यदि यह कपड़े फाड़ने का प्रयास करने वाली वामपंथी विचारधारा की समर्थक छात्रा, कल महिला अधिकारों पर भाषणबाजी करते हुए दिखे। शर्मनाक!"
फीस वृद्धि के अलावा छात्रों की माँग है कि हॉस्टल में किसी छात्र से सर्विस चार्ज नहीं लिया जाए, हॉस्टल में आने-जाने के लिए समय सीमा को खत्म किया जाए, हॉस्टल में ड्रेस कोड नहीं लागू किया जाए, साथ ही नए हॉस्टल मैन्यू पूरी तरह रद्द किया जाए।
ग्रीनपीस इंडिया ने सैटेलाइट डेटा के हवाले से कहा है कि साल 2013 से 2018 तक पीएम 2.5 के स्तर में कोई भी कमी नहीं दिख रही हैं। उनका कहना है कि पिछले 3 सालों की तुलना में केवल साल 2018 के अंतिम महीनों में प्रदूषण के स्तर में कुछ कमी आई है।
गाजियाबाद... वो शहर, जो रिकॉर्डधारी है - प्रदूषण रैंकिंग में लगातार देश के अग्रणी शहरों की सूची में बने रहने के लिए। एक है झरिया। वो शहर, जहाँ लोग चाहे जिस भी रंग का शर्ट पहन सुबह घर से निकलें, शाम को लौटते सभी एक ही रंग का शर्ट पहन कर - काला!
पंजाब-हरियाणा का पानी किसान पी जाता है। दिल्ली में प्रदूषण भी किसान ही फैलाता है। ऐसी दलीलें देकर असली समस्याएँ छिपाई जा रही हैं। अगर आप सोचते हैं कि किसान 14 लाख की मशीन ख़रीद कर कटाई करे तो आपको जमीनी समझ नहीं। सरकारें और एमएनसी के इस जाल के जंजाल को समझिए।
ये वाकया लंदन के सबसे बड़े नागरिक संकटों में गिना गया। जिसके कारण 2 लाख से ज्यादा लोग बीमार पड़े और 12,000 लोगों से ज्यादा की जानें गईं। तबाही के इस धुएँ को वहाँ ग्रेट स्मॉग ऑफ लंदन का नाम दिया गया।
पिछले हफ्ते डेंगू के 230 से अधिक नए मामले सामने आए थे। यह इस साल अब तक के एक हफ्ते में सबसे ज्यादा है। दिल्ली में इस साल अब तक डेंगू के 1,069 मामले सामने आ चुके हैं।