कुछ लोगों ने गाँव में कोरोना की रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लगे पोस्टरों को फाड़ दिया। इसके बाद देर रात गाँव में स्थित एक शिव मंदिर में शिवलिंग को तोड़कर उसे पास के ही कुएँ में फेंक दिया। इतना ही नहीं आरोपितों ने गाँव के दूसरे राधा-कृष्ण मंदिर में भी माँस का टुकड़ा फेंक दिया।
जमातियों की इस हरकत की सूचना सफाईकर्मी ने वरिष्ठ अधिकारियों को दी। इस हरकत की खबर फौरन नरेला इंडस्ट्रियल थाना पुलिस को दी गई और पुलिस ने बाराबंकी निवासी मो. फहद और अदनान जहीर के खिलाफ मामला दर्ज किया।
शाहिद कबूतर, मजिद मामू और मोहसिन कचौड़ी ने मिलकर दो पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया। जब तक बाकी पुलिस कर्मी उनके पास मदद करने पहुँचते, आरोपित हमला कर भागने में कामयाब हो गए। तीनों के साथ घूम रहे 15 लोगों की तलाश की जा रही है।
पुलिस द्वारा जारी बयान में बताया गया है कि इंस्पेक्टर आईबी अजमेरी और सब इंस्पेक्टर एसएस डरैया शुक्रवार को ड्यूटी पर तैनात थे। इसी दौरान दोनों आहवा कलेक्टर कार्यालय के निकट की मस्जिद में मौलवी और अन्य के साथ सामूहिक नमाज पढ़ने चले गए।
हरिद्वार जिले के गैंडीखाता गुज्जर बस्ती में बड़ी संख्या में जमातियों को देखा गया। इसके बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए पूरे गाँव को ही सील कर दिया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सभी लोगों के सैंपल लेकर जाँच के लिए भेज दिया है। गाँव के बाहर कैंप लगाकर बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया है।
जमात के कार्यक्रम से हिस्सा लेकर लौटे दो भाई कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद अस्पताल में एडमिट किए गए थे। इनमें से एक की तबीयत बिगड़ने के कारण मौत हो गई। इसके बाद दूसरे भाई ने डॉक्टर एवं स्टाफ पर न केवल हमला बोल दिया, बल्कि उन पर थूक भी दिया था।
अमरिया क्षेत्र के रहने वाले 35 लोग 25 फरवरी को उमरा करने के लिए सऊदी अरब गए थे, जो कि 20 मार्च को सऊदी अरब से मुंबई के एयरपोर्ट पहुँचे थे, जहाँ सभी की स्क्रीनिंग की गई। जाँच में संदिग्ध पाए जाने पर सभी लोगों को कोरोना वायरस संदिग्ध की मुहर लगाई गई थी।
जमातियों ने मस्जिद में रहने के दौरान कई बार गाँव में भ्रमण किया था और सैकड़ों लोगों से अलग-अलग समय में मुलाकात भी की थी। अब सभी को रिपोर्ट का इंतजार है। इन सभी जमातियों ने दिल्ली में हुए मजहबी सम्मेलन में हिस्सा लिया था।
पुलिस ने कॉल कर रहे शख्स को समोसे तो दी ही लेकिन इसके बदले में उससे सामाजिक कार्य के तहत नाली साफ़ करवाई गई। ताकि कम से कम उसे आगे से इस बात का ध्यान रहे कि उसे पुलिस कण्ट्रोल रूम में अनावश्यक रूप से कॉल नहीं करना है - कम से कम चार समोसे मँगवाने के लिए तो फोन नहीं ही करना है 🙂
"लोगों के बीच जागरूकता बहुत कम है। उन्हें जागरूक करने के लिए हमने कुछ अलग करने की सोची। हमने एक हेलमेट डिजाइन किया है जो कोरोना वायरस की तरह दिखता है। हमने कुछ ऐसा करने के बारे में सोचा, जो लोगों को डराए और उन्हें घर पर बनाए रखे।"