यूपी पुलिस ने लखनऊ के प्रमुख चौराहों पर 57 दंगाइयों के पोस्टर लगाए हैं। दंगाइयों को संपत्ति के नुकसान की वसूली का नोटिस भी दिया गया है। हिंसा फैलाने वाले सभी उपद्रवियों के पोस्टर और बैनर लगाए जाएँगे। जुर्माना नहीं देने पर इनकी संपत्ति कुर्क की जाएगी।
श्रीवास्तव ने 2017 में दक्षिण कश्मीर में ऑपरेशन ऑल आउट के तहत कई ऐसे एनकाउंटर किए जिसमें हिज्बुल मुजाहिदीन समेत कई आतंकवादी गुटों के टॉप कमांडर ढेर किए गए थे। दिल्ली पुलिस में रहते हुए भी वे कई एंटी टेरर ऑपरेशन कर चुके हैं।
पुलिस अधीक्षक के अनुसार, ये लोग जंगलों में बेसहारा घूम रहे गोवंशों को पकड़कर उन्हें नशीला इंजेक्शन लगाकर उन्हें काटते थे और उनके अवशेषों को जंगलो में फेंककर माँस को मेरठ में बेचते थे। इनकी पुलिस को पिछले काफी समय से तलाश थी।
"मेरी बेटी ने रैली में जो किया, वह बिल्कुल गलत था। उसने जो कहा, वह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मैंने कई बार उससे कहा कि वो मुस्लिमों से न जुड़े। उसने मेरी बात नहीं सुनी। मैंने उसे कई बार भड़काऊ बयान नहीं देने के लिए भी कहा, लेकिन उसने एक नहीं सुनी।"
जिला प्रशासन ने AMU से जुड़े 44 छात्रों सहित कुल 58 लोगों की भी पहचान की है, जिनको शहर में शांति भंग करने के लिए प्रशासन नोटिस जारी कर रहा है। साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन को भी उनके पते उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है।
कानपुर डीआईजी ने कहा था धरने का चेहरा बने और उपद्रवियों को पनाह देने के आरोपितों पर रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी। मोहम्मद अली पार्क और फूल पार्क में धरने को बाहर से लोग आकर समर्थन देने के साथ धरने पर बैठे लोगों को उकसा भी रहे हैं।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार बांग्लादेशियों की पहचान ढाका के नादौर सिंगरा निवासी मामून शेख, मिलन शेख, मुकुल शेख, मोनू वैध, सीजर शेख, असलम शेख, पालन शेख के रूप में हुई है। इसके साथ ही इनके परिवार से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है। फिलहाल सातों बांग्लादेशियों को जेल भेज दिया गया है।
आतंकी अबू मूसा इससे पहले भी इस तरह की कई घटनाओं को अंजाम दे चुका है। पिछले माह में उसने जेल वार्डन अमल करमाकर पर पीवीसी पाईप से हमला किया था। इस हमले में गंभीर रूप से घायल वार्डन को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।
बीते दिनों जम्मू-श्रीनगर हाईवे से ट्रक में सवार होकर आए चार आतंकियों ने टोल पर तैनात सीआरपीआफ के जवानों पर हमला कर दिया था। इस जवाबी कार्रवाई में सेना के जवानों ने तीनों आतंकियों को मौके पर ही ढेर कर दिया था।
अंजलि ने होशियारी दिखाते हुए तार को बारूद से अलग कर दिया और तहखाने के लोहे के दरवाजे को अंदर से बंद कर दिया। इसके बाद सिरफिरे ने कई बार दरवाजा खुलवाने की कोशिश की लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाया।