Sunday, November 24, 2024

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वामपंथी

वामपंथियों को कीमोथैरेपी देने वाले ऑपइंडिया के एक साल: न्यूजरूम की तरफ से आपका आभार

साल पूरा होते-होते, अब हर वामपंथी हमें गाली दे कर खारिज करने की कोशिश करता रहता है। जब इस तरह के आक्रमण होने लगते हैं, इसका मतलब है कि किसी को दर्द हो रहा है। हमारी कोशिश है कि इस दर्द की तीव्रता बढ़ाते रहें।

‘रंगा-बिल्ला’ वाली अरुंधति पहुँचीं जामिया, कहा- एक दिन हम आज़ाद होंगे

जब एक पत्रकार ने अरुंधति से पूछा कि क्या विरोध-प्रदर्शन के कुछ परिणाम निकलेंगे तो उन्होंने जवाब देने से इनकार कर दिया। उम्मीद जताई कि 'सभी लोग आज़ाद हो जाएँगे।' कहा कि विरोध कर रहे लोग कभी भी पीछे नहीं हटेंगे।

JNU में बाहरियों की खैर नहीं, हॉस्टल में मिले तो वसंत कुंज थाने में जमा होंगे

डीन ने सभी वार्डन को निर्देश देते हुए यह सुनिश्वित करने को कहा है कि विश्वविद्यालय के हॉस्टल में कोई बाहरी व्यक्ति मौजूद न हो। पुलिस ने इस संबंध में ऑडिट कराने का सुझाव रजिस्ट्रार को दिया है।

‘जिन्ना वाली आज़ादी’ बेटी ने भी नहीं की कबूल, अपने ही Pak में बुरी मौत मरा ‘कायदे आजम’

जिस महिला के अब्बा 'बाबा-ए-क़ौम' हो वह अपने परिवार के साथ पाकिस्तान नहीं जाती। क्यों? जानने के लिए 'जिन्ना की आज़ादी' का नारा लगाने वालों को जानना चाहिए कि अपने ही बनाए पाकिस्तान में 'कायदे आजम' कौन सी मौत मरे थे।

‘आपके संघर्ष, आपकी लड़ाई सब बेकार अगर हिन्दुओं से घृणा न करें’ – रंगोली चंदेल ने खोली गिरोह की गाँठें

"यदि हम हिंदुओं से घृणा नहीं करते हैं, अपनी सरकार को या सुरक्षा बलों को खलनायक नहीं बताते, तो यहाँ आपको सराहा नहीं जाएगा। सराहा तब जाएगा जब आप देश के भविष्य के बारे में निराशावादी हों, पाकिस्तान से और उसके आतंकियों से प्यार करें... इसलिए क्षमा करें मुझे ऐसे प्यार की जरूरत नहीं।"

गीता और आइशी के बाद अब देखिए कॉमरेड चुनचुन का वीडियो, डंडा लेकर कर रहा था पत्थरबाजी

इसी तरह छात्र संघ की वर्तमान अध्यक्ष कॉमरेड आइशी घोष और पूर्व अध्यक्ष गीता कुमारी का भी वीडियो वायरल हुआ। वीडियो में दोनों को नकाबपोश गुंडों के साथ देखा जा सकता है। इन्हीं वामपंथी गुंडों ने आतंक मचाया। फिलहाल आप कॉमरेड चुनचुन के वीडियो को देखिए।

लेफ्ट की हिंसा ‘दादागिरी’ है न कि आंदोलन, खत्म हो जाऊँगी लेकिन वामपंथियों की तरह नहीं करूँगी: ममता बनर्जी

सीएम ने दावा किया कि लेफ्ट पार्टियों द्वारा बुलाए बंद को खारिज कर दिया गया है। वे बंद का आह्वान करके और बसों में बम फेंककर सस्ता प्रचार करना चाहते हैं, इस प्रचार को हासिल करने के बजाय राजनीतिक मौत बेहतर है।

JNU के सम्मान में, पाकिस्तान मैदान में: लाहौर में निकली रैली, Pak विदेश मंत्री ने भी किया समर्थन

पाक के विदेश मंत्री ने कहा कि छात्रों और प्रोफेसरों की पिटाई की जा रही है। जेएनयू में छात्रों पर हमले से पता चलता है कि भारत में असहिष्णुता तेज़ी से बढ़ रही है। पाक मंत्री ने आरोप लगाया कि पुलिस ने आरएसएस के साथ मिल छात्रों को पीटा।

देशद्रोहियों और दंगाइयों की हिंसा के बीच पिसता कौन है? गरीब छात्र जो किसी पार्टी के नहीं

इन घटनाओं में एक वर्ग तो वह होता है जो सुनियोजित ढंग से शामिल होता है और एक वर्ग वह होता है जो कि जाने-अनजाने में घटनाओं में शामिल तो हो जाता है लेकिन इसके बाद कानूनी कार्यवाई में फँसने के बाद वह अपने आप को निर्दोष बताते हुए पहले तो दर-दर की ठोकरें खाता है और फ़िर अपनी ही आँखों से अपने भविष्य को चौपट होते हुए भी देखता है।

हे मार्क्स बाबा के कॉमरेड, ठण्ड का मौसम तुम्हारी क्रांति के लिए सही नहीं है, रजाई में दुबके रहो

प्रथमतया सर्दी का मौसम सड़क पर धरना प्रदर्शन के लिए अनुकूल नहीं होता है। सर्दियों का समय समाजवाद के शीतनिद्रा में जाने के लिए उपयुक्त होता है। समाजवादी सौंदर्यशास्त्र के साथ भी सर्दियाँ ठीक नहीं जाती। एक अच्छा वामपंथी कम नहाया हुआ, दाढ़ी बढ़ाया हुआ, महँगा कुर्ता पहन कर ग़रीबों के लिए व्यथित भाव लिए दिखता है।

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