इस मुलाकात की वजह नहीं बताई गई है। लेकिन, सीएम बनने के बाद दिल्ली की अपनी पहली यात्रा पर उद्धव ऐसे वक्त में आ रहे हैं जब एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के साथ अनबन की खबरें चर्चा में हैं। इससे महाराष्ट्र में राजनीतिक सरगर्मियॉं अचानक से तेज हो गई हैं।
एल्गार परिषद मामले की जॉंच एनआईए को सौंप उद्धव ने एक लकीर खींची है। इसके संकेत स्पष्ट हैं। वह भले सत्ता एनसीपी और कॉन्ग्रेस के साथ बॉंट लें, लेकिन पर्दे के पीछे से बागडोर हाथ में रखने के पवार के सपनों को पूरा नहीं होने देंगे।
उद्धव ने कहा है कि CAA और NRC दोनों अलग है। यदि CAA लागू होता है तो इसके लिए किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है। लेकिन, पवार ने इसे खारिज करते हुए कहा है कि एनसीपी इसके खिलाफ है।
भीमा-कोरेगॉंव मामले की जॉंच एनआईए को सौंपे जाने के बाद गठबंधन सरकार का मतभेद गहरा गया है। पवार ने अपने मंत्रियों की आनन-फानन में बैठक बुलाई है। इसके बाद से अटकलों का बाजार गरम है।
"इस मामले को एनसीपी SIT से जाँच करवाना चाहती है। केंद्र सरकार ने इसे NIA को सौंप दिया है और महाराष्ट्र के सीएम भी बीजेपी के लाइन पर चलते हुए इसे NIA को सौंपे जाने पर कोई आपत्ति नहीं जताई। क्या दिल्ली में कॉन्ग्रेस नेतृत्व को इसकी जानकारी है?"
"शरद पवार हमेशा से हिन्दू विरोधी। वे कभी रामायण पर कटाक्ष करते हैं तो कभी उसको अप्रासंगिक बताते हैं। और न ही वे पांडुरंग की पूजा में शामिल होते हैं। पवार नास्तिक मंडलियों के साथ हैं। और ऐसे में अगर पैसों के लालच में उन्हें कोई कार्यक्रमों में बुलाता है तो यह अधार्मिक ही है।"
"शिवसेना अपने एजेंडे पर कायम है। उसने CAB पर केंद्र का साथ दिया और अब सावरकर पर भी उसे कॉन्ग्रेस का रवैया बर्दाश्त नहीं है। फिर भी कांग्रेस महाराष्ट्र सरकार में बनी हुई है। यह नाटकबाजी है।"
कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गॉंधी के सावरकर को लेकर दिए गए बयान ने भी प्रदेश की सियासत को गरमा दिया है। इस मसले पर भाजपा और शिवसेना के सुर एक जैसे हैं। इससे दोनों के जल्द साथ आने की अटकलों को बल मिला है।
महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री शरद पवार ने हमलों के तुरंत बाद दूरदर्शन स्टूडियो में जाकर बोला था और घोषणा की थी कि कुल 13 धमाके हुए हैं। उन्होंने न जाने कहाँ से एक अतिरिक्त विस्फोट की ‘खोज’ कर ली थी। पवार ने कहा था कि मस्जिद बंदर में 13वाँ विस्फोट हुआ था।
यह पूछे जाने पर कि क्या वास्तव में शरद पवार को सब पता था, इस पर फडणवीस ने कहा, "यह आपको अजित पवार से पूछना होगा। उन्होंने मुझे बताया था कि वो जानते थे। मैं केवल यह कह सकता हूँ कि पर्दे के पीछे जो कुछ भी है, वो उचित समय पर सामने आएगा।"