रिपोर्ट के अनुसार करौली में हिंसा से पहले ही हथियार जुटा लिए गए थे। इनमें पत्थर, लाठी और डंडे शामिल हैं। पुलिस ने हमलावरों को रोकने के प्रयास नहीं किए।
"महाराष्ट्र में जिस प्रकार से मोर्चे निकाले गए और उनमें जिस तरह की हिंसा हुई और उसमें हिंदुओं की दुकानों को जलाने की कोशिश की गई। हम इस घटना की निंदा करते हैं।"