"राम मंदिर का निर्माण नेहरूवादियों, मार्क्सवादियों, माओवादियों, चीन समर्थकों, मीडिया और शिक्षाविदों के लिए हार है, जिसने इतिहास, पुरातत्व और भक्ति को नकारने की कोशिश की थी।"
तहरीर में बाबा के साथ हुई बदसलूकी का उल्लेख किया गया और आरोपितों में गाँव में रहने वाले बनी पुत्र असगर, इरफान, अंसार, आजाद, इब्राहिम, मो रफीक आदि दबंगों का नाम लिखवाया।