एबीवीपी ने दिल्ली पुलिस से गुहार लगाई है कि उसके छात्रों को बचाया जाए। कई छात्राओं ने कुर्सी व टेबल के नीचे छिप कर ख़ुद को मास्क पहने गुंडों के आतंक से बचाया। जबकि वामपंथी छात्र संगठनों ने JNU में हुई हिंसा का आरोप एबीवीपी पर ही लगाया है।
एबीवीपी के छात्रों द्वारा आयोजित सेमिनार के दौरान पहले एसएफआई के गुंडों ने उन्हें (ABVP के कार्यकर्ताओं को) उनकी क्लास से खींचकर बाहर निकाला और बाद में उनकी पिटाई की। इस बीच शिक्षकों के एक समूह ने बीच-बचाव करके किसी तरह छात्रों की जान बचाई।
जब वामपंथी संगठन AISA के छात्रों ने जितेन्द्र सिंह के भाषण के बीच में टोकाटाकी और नारेबाजी की, तो जवाब में ABVP वालों ने भी “कश्मीर से कन्याकुमारी, भारत माँ एक हमारी” का नारा लगाना शुरू कर दिया।
ABVP को अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव के पदों पर जीत हासिल की है। ABVP की तरफ से अध्यक्ष पद पर अक्षित दहिया जीते हैं। वहीं, उपाध्यक्ष पद पर एबीवीपी के उम्मीदवार प्रदीप तंवर और जॉइंट सेक्रेटरी पर शिवांगी खरवाल ने जीत हासिल की है