आरटीआई जवाब में कहा गया कि दिल्ली सरकार ने साल 2015 में कुल ₹1174.67 करोड़ का ग्रीन टैक्स जमा किया था, जिसमें से केवल ₹272.51 करोड़ ही खर्च किए गए। इस ₹272 करोड़ में से ₹265 करोड़ सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर खर्च किए गए।
बीते साल जब दिल्ली की हवा बिगड़ रही थी तो केजरीवाल फैमिली के साथ दुबई प्राइवेट ट्रिप पर निकल गए थे। इस बार चुनाव चौखट पर है, इसलिए बने रहने की मजबूरी है। प्रदूषण के बहाने वे अपने 'बच्चा पॉलिटिक्स' को मॉंजने में जुट गए हैं।
छठ पूजा के मौके पर दिल्ली सरकार द्वारा पर्व के मनाए जाने के लिए सजाए गए 1,108 घाटों पर त्यौहार को प्लास्टिक और पटाखों से दूर रखने की सलाह दी गई है। घाटों पर तैनात नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों और सरकारी अधिकारियों की ज़िम्मेदारी होगी कि वे इन घाटों पर प्लास्टिक के उत्पादों के प्रयोग और आतिशबाजी को हतोत्साहित करें।
केजरीवाल ने राठी के इसी वीडियो को शेयर किया था, जिससे विकास पांडे के बारे में झूठी बातें प्रचारित हुईं। इसके ख़िलाफ़ क़दम उठाते हुए विकास पांडे ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और यूट्यूब ब्लॉगर के ख़िलाफ़ मानहानि का केस दर्ज करवाया था।
"प्रिय मुख्यमंत्री सर, मैंने आपके लिए कान के स्पेशलिस्ट की अपॉइंटमेंट बुक की है। सर, हम दोनों भले ही अलग पार्टियों से हैं, लेकिन आप हमारे मुख्यमंत्री हैं, हमें आपकी फिक्र है। कृपा कल अस्पताल में जाइए और अपना चेकअप कराइए।"
"दिल्ली सरकार द्वारा नियुक्त पब्लिक प्रोसिक्यूटर 23 सितम्बर के बाद से पेश नहीं हुए हैं। अजीब स्थिति है। सरकार इस केस में गंभीरता दिखा ही नहीं रही। ऐसा लगता है कि राज्य सरकार ने सारी जिम्मेदारियों से हाथ धो लिया है।"
"अकेले केजरीवाल और उनके परिवार ने दिल्ली के बाहर इलाज करवाने में अब तक 13 लाख रूपए खर्च कर डाले। यही हाल मनीष सिसोदिया का भी है। सतेन्द्र जैन के परिवार को दिल्ली सरकार के खर्चे पर दिल्ली से बाहर भेजा जाता है। पिछले पाँच साल में दिल्ली के मंत्रियों और उनके परिवारों पर तकरीबन 50 लाख रूपए की मोटी रकम खर्च की गई।"
इस्लाम के खिलाफ कुर्बानी देने वाले भाई मतिदास के शहीदी स्थल को तोड़ना चाहती है दिल्ली सरकार। इस्लामिक कट्टरता के खिलाफ हिन्दुओं की आस्था को बचाए रखने के लिए शहीद हुए भाई मतिदास को उनकी मौत के 344 साल बाद आज भी पूरी आस्था के साथ याद किया जाता है।
अकेले सीएम केजरीवाल के इलाज पर 12 लाख रुपए से भी अधिक ख़र्च किए गए। उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के परिजनों के इलाज पर 13.25 लाख रुपए से भी अधिक ख़र्च किए गए। ये सारा ख़र्च सरकारी खजाने से हुआ।