"एक तरफ वे (दिल्ली सरकार) मुफ्त सवारियाँ कराने जा रही है और दूसरी तरफ वह कोर्ट से चाहती है कि केन्द्र सरकार को निर्देश दे कि 50 फीसदी ऑपरेशनल नुकसान की वे भी भरपाई करें। कोर्ट सभी तरह की मुफ्त चीजों को रोक देगा।"
"इतना सन्नाटा क्यों है अरविंद केजरीवाल? इसी चिदंबरम के घर के सामने अन्ना आंदोलन में लोगों ने लाठियाँ खाई थीं। भ्रष्टाचारियों की सूची में चिदंबरम का नाम सबसे ऊपर था। आज लालू, वाड्रा सब शिकंजे में हैं। बधाई तो दे दो मोदी जी को, फेविकोल काहे पीकर बैठे हो?"
CBI के जाँच दल को एक अनजान नंबर से कॉल आया और उधर से एक बेहद करुण आवाज ये कहते हुए सुनाई दी- "हेलो, मैं अरविन्द केजरीवाल बोल रहा हूँ। फ़ोन मत काटना जी।"
गुस्साए लोगों का कहना था कि दिल्ली सरकार विकास कार्यों में कोताही बरत रही है। जनता के आक्रोश को देखते हुए पुलिस ने पहुँच कर किसी तरह सत्येंद्र जैन को वहाँ से सुरक्षित निकाला।
“अपनी यूनियन टैरिटरी को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के असंभव ख्वाब देखने वाले आत्ममुग्ध बौने को भी एक पूर्ण राज्य के यूनियन टैरिटरी में बदलने के प्रस्ताव का समर्थन करना पड़ रहा है, इसी को 'खुदाई-जूता' कहते हैं जो लगता भी है और रोने भी नहीं देता।”
अलका लांबा ने कहा है कि उन्हें आम आदमी पार्टी से सारे संबंध तोड़ लेने चाहिए और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जल्द ही वो लिखित में आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे देंगी।
कपिल मिश्रा मिश्रा ने इस कार्रवाई को कानून का मजाक बताते हुए कहा है कि आधी सुनवाई के बीच ही यह फैसला लिया गया और उन्हें कोई भी तथ्य रखने का मौका नहीं दिया गया। वे दिल्ली के करावल नगर से विधायक थे।
2015 में फ्री वाई-फाई से लेकर गली-गली में सीसीटीवी लगाने का वादा करके दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने वाले केजरीवाल आज फिर से अपने झूठे वादों की राजनीति खेलकर 2020 फतह करना चाहते हैं लेकिन उनके पिछले वादों की जमीनी हकीकत क्या है, उस पर भी जरा ध्यान डाल लें:
अलका लांबा ने दावा किया है कि केजरीवाल उनसे बदला लेने के लिए उन्हें उनके निर्वाचन क्षेत्र में सीसीटीवी लगाने से रोक रहे हैं। लेकिन वे अपने लोगों की सुरक्षा के लिए सरकार से लड़ने से नहीं डरती हैं।