आयोजकों ने एक साजिश के तहत 21 मार्च की रात से ही मैसेज वायरल कर हजारों लोगों को इकट्ठा किया। इसके बाद रविवार सुबह जहाँ पूरा शहर कोरोनावायरस से लड़ने के लिए घरों में कैद था, वहीं ईदगाह मैदान में प्रदर्शनकारी धरने पर थे। इन सभी लोगों पर दूसरों की जान से खिलवाड़ करने के आरोप में FIR दर्ज किया गया है।
"महिलाएँ हर सावधानी बरत रही हैं, हर समय बुर्के में ढकी रहती हैं। नियमित रूप से हाथ धोना हमारी जीवनशैली का हिस्सा है। हम दिन में पाँच बार नमाज अदा करते हैं और हर बार हाथ धोते हैं।”
35 वर्षीय आयोजक व्यक्ति ने कहा कि वह 13 मार्च को अपनी बहन से मिला था और उसके साथ बैठकर कुछ समय भी बिताया था। इसके बाद भी वह दिल्ली के जहाँगीरपुर में सीएए विरोध में चल रहे धरने में भी शामिल हुआ। युवक ने अपनी सफाई देते हुए कहा, "मुझे उस समय अपने अंदर बीमारी का कोई लक्षण नहीं दिखा था।
कानपुर में हुई हिंसा के लिए सरकार द्वारा गठित की गई जाँच कमेटी ने यतीमखाना में 2 लाख 80 हजार रुपए के नुकसान का आकलन करके वसूली का नोटिस 21 लोगों को जारी किया था।
दिल्ली पुलिस ने अपनी एक्शन टेकन रिपोर्ट में यह भी कहा है कि पेट्रोल बम लिए घूम रहे दंगाइयों और फँसे हुए निर्दोष स्टूडेंट्स के बीच फर्क करना बेहद मुश्किल था, क्योंकि उस समय अँधेरा हो चुका था।
शाहीन बाग के सवाल पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कोरोना के कारण 50 से ज्यादा लोगों के इक्ट्ठा होने का आदेश शाहीन बाग पर भी लागू होगा। हम 50 लोगों से अधिक के किसी भी कार्यक्रम की इजाजत नहीं देंगे, चाहे प्रोटेस्ट हो या कुछ और। यह नियम सभी जगह पर लागू होगा। उपजिलाधिकारी के पास कार्रवाई का पॉवर है। वह पुलिस के साथ जाकर कार्रवाई करें।
“समिति ने यह पाया कि जब शायरी पढ़ी गई तब शायद, समय और स्थान उपयुक्त नहीं थे। जिस व्यक्ति ने उसका (कविता) पाठ किया, वह इस दृष्टिकोण से सहमत हुआ और उसने एक नोट लिखा कि किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचने पर उसे पछतावा है। तो ऐसे में अब यह मामला बंद हो चुका है।”
सीएए विरोधियों और माओवादियों के बीच लिंक मिलने के बाद राज्य में सुरक्षा के लिए एहतियाती कदम उठाए गए हैं। बताया जा रहा है कि नागरिकता कानून का विरोध कर रहे लोग सरकारी कार्यालयों में अनिश्चितकालीन हड़ताल करवाने की फिराक में लगे हुए हैं।
इन पर पुलिस चौकी और वाहनों को फूॅंकने तथा सरकारी कार्यालयों में लूटपाट का आरोप है। साथ ही ‘हत्या के इरादे से’ पुलिस पर गोलीबारी के भी ये आरोपित हैं। इनमें से कई जेल में हैं। जो जमानत पर बाहर हैं उन्हें फिर से दबोचा जाएगा।