"इस देश की अदालतें यूँ ही आतंकवादियों के लिए रात को नहीं खुल जातीं। यूँ ही दंगाइयों के अधिकारों के लिए खड़ी नहीं होती। ज्यूडिशियरी में #UrbanNaxals घुसे पड़े हैं। महाराष्ट्र के पूर्व न्यायाधीश को सुनिए- कैसे मुस्लिमों को भड़का रहे हैं- 20 करोड़ हो, पुलिस से मत डरो, लड़ कर मरो।"
नौशाबा कुछ दिनों से अपनी तकरीबन डेढ़ माह की बच्ची को लेकर प्रदर्शन में शामिल हो रही थी। कई बार उसने प्रदर्शन स्थल पर रात में भी रुकने की कोशिश की थी। शुक्रवार को मासूम बच्ची की इंतकाल की खबर आई।
हर्ष मंदर ने कहा कि शाहीन बाग में पिछले कुछ महीनों से हो रहे विरोध प्रदर्शन को अब वापस ले लेना चाहिए, क्योंकि इसका इस्तेमाल आरएसएस और उसके सहयोगियों द्वारा मुस्लिमों के खिलाफ हेट कैंपेन को बढ़ावा देने के लिए ट्रिगर के रूप में किया गया।
"कॉन्ग्रेस के समय में दंगे हुए, इन्होंने दंगों को शांत करने का प्रयास किया होगा और हम भी दंगों को शांत करेंगे। परन्तु इसको मेरी पार्टी और विचारधारा पर मढ़ने का प्रयास निंदनीय है, जब हकीकत ये है कि कॉन्ग्रेस के शासन में 76% लोग दंगों में मारे गए हैं।"
अमित शाह द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक अब तक दिल्ली हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने 700 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं और 2,647 लोगों को हिरासत में लिया गया है या गिरफ्तार किया गया है। पुलिस की ओर से जारी बयान के मुताबिक आर्म्स एक्ट के तहत 48 मामले दर्ज किए गए हैं।
लखनऊ के इन दंगों में आरोपित 57 लोगों के नाम उनके पते साथ होर्डिंग्स बनवाकर शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर लगाए गए थे। यह सभी आरोपित लखनऊ के हसनगंज, हजरतगंज, कैसरबाग और ठाकुरगंज थाना क्षेत्र के हैं। बता दें कि पहले ही प्रशासन ने 1.55 करोड़ रुपए की सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने के लिए इनको वसूली के नोटिस जारी किए गए थे।
12 से स्कूल में शुरू होने वाली बच्चों की वार्षिक परीक्षाओं के लेकर DoE के निदेशक विनय भूषण ने कहा कि वे इस मामले को देख रहे हैं। “हमें घटना के बारे में पता चला है। हमने अधिकारियों को परीक्षा के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। हम छात्रों का समय बर्बाद नहीं कर सकते।
शलभ मणि त्रिपाठी का कहना है कि हम इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश की जाँच कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे कानून के जानकार यह भी जाँच कर रहे हैं कि पोस्टर हटाने के लिए किस आधार पर यह आदेश जारी किया गया है।
गुरु नानक ने स्वयं अपनी आँखों से देखे बाबर के अत्याचारों का ऐसा दर्दनाक वर्णन किया है कि आज भी उसको पढ़ कर किसी का भी दिल पसीजे बिना नहीं रह सकता। उस अत्याचारी बादशाह की जामिया मिलिया जैसे राष्ट्रीय संस्थान में जयंती मनाई गई थी।