चीन के वुहान से शुरू हुआ कोरोना का संक्रमण पूरी दुनिया में पसर चुका है। ऐसे वक्त में भी 'मेड इन चाइना' की क्वालिटी घटिया ही बनी हुई है। चेक रिपब्लिक के बाद अब स्पेन भी उससे जॉंच किट लेकर ठगा महसूस कर रहा है। इससे संक्रमण का खतरा भी बढ़ रहा है।
चीन ने इन घटिया किट्स के आरोपों को स्वीकार करते हुए कहा है कि जो टेस्टिंग किट्स उसने स्पेन को बेंची हैं वो Bioeasy नामक कम्पनी ने बनाई हैं जिसे ऐसी किट्स बनाने का लाइसेंस नहीं मिला हुआ है
चीन ने यह कदम ऐसे वक्त में उठाया है जब कहा जा रहा है कि उसने इस महामारी पर नियंत्रण पा लिया है। वुहान से कोरोना का संक्रमण शुरू हुआ था और चीन पर शुरुआत में दुनिया से जानकारी छिपाने के गंभीर आरोप हैं।
सर्बिया के राष्ट्रपति ने तो यूरोपीय सहयोग और बंधुत्व को महज एक 'दिवास्वप्न' करार देते हुए कहा कि सिर्फ चीन ही था, जिसने उनकी मदद की। - चीन के इसी प्रोपेगेंडा का शिकार होने की लाइन में ईरान, इराक और इटली जैसे देश भी हैं। जहाँ रोजाना हजारों मौतें हो रहीं, वहीं चीन इस दुर्भाग्यपूर्ण समय को एक अवसर के तौर पर देख रहा।
वैज्ञानिकों ने आगाह किया था कि ऐसी ही कोई बिमारी भविष्य में भी जन्म ले सकती है। 2002 के उत्तरार्ध में, एक रहस्यमयी निमोनिया जैसी बीमारी के मामले दक्षिण-पूर्वी चीन के गुआंगडोंग प्रांत में सामने आने लगे थे।
इसे चीनी वायरस कहना कोई रेसिज्म नहीं है। इसका अर्थ हुआ कि जिस जगह से ये वायरस पहली बार निकल कर आया, उस स्थान पर इसका नामकरण हो। ऊपर से जब चीन ने इसे ढकने की गलती करके दुनिया भर को परेशानी में डाला है तो फिर इसमें उन्हें क्यों दोष दिया जा रहा, जो इस वायरस के ऑरिजिनेट होने के स्थान के नाम पर इसे सम्बोधित कर रहे हैं?
आज एक वामपंथी सनक का सबब पूरी दुनिया देख रही हैl एक राजनीति तो इसके नाम पर भी चल रही है लोग यह कह रहे हैं कि जब जापानी इन्सेफेलाईटिस, जो कि जापान के नाम पर है तो कोरोना वायरस को चाइनीज वायरस क्यों नहीं कह सकते हैंl डोनाल्ड ट्रंप ने तो इसे चाइनिज वायरस कहकर एक नई बहस को जन्म भी दे दिया हैl
चीन में हंता वायरस का यह मामला ऐसे समय पर आया है जब पूरी दुनिया वुहान से निकले कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रही है। चीन के युन्नान प्रांत में एक व्यक्ति की हंता वायरस से मौत हो गई। कोरोना वायरस से अब तक 16 हजार 500 लोगों की मौत हो गई है।
"चीन ने कोरोना वायरस को लेकर प्रारंभिक सूचना छिपाई, जिसकी सजा आज दुनिया भुगत रही है। अगर चीन ने इस आसन्न खतरे के बारे में पहले ही चेतावनी दे दी होती तो अमेरिका और पूरा विश्व इसके लिए ज्यादा बेहतर तरीके से तैयार होता।"
दक्षिण चीन में हुए रैपिड विकास के कारण वहाँ एनिमल प्रोटीन की माँग बहुत बढ़ चुकी है। इसमें रात्रिचर स्तनपाई civet (छोटे-पतले आकार के स्तनपाई) जैसे विदेशज जानवर भी शामिल हैं। इन्हें पिंजड़ों में ठूँस-ठूँस कर भर दिया जाता है। लोग बड़े चाव से...