लोकसभा में गुरुवार को तीन तलाक बिल पर चर्चा के दौरान आजम ने अशोभनीय टिप्पणी की थी। उस समय रमा देवी सदन की अध्यक्षता कर रही थीं। आजम की टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से निकाल दिया गया था।
समस्या केवल नेताओं के बहके बोल ही नहीं है। बचाव में गढ़े जाने वाले तर्क बताते हैं कि इस पार्टी के लिए कामुक टिप्पणियॉं कितनी आम बात है। पार्टी आलाकमान के घर की पढ़ी-लिखी सांसद रह चुकी बहू महिला के अंडरवियर का रंग बताए जाने को ‘छोटी सी बात’ बताती हैं।
“आपको यह समझना चाहिए कि एक विभाजन वहाँ मौजूद है। हमारे घरों में भी तो टॉयलेट-बाथरूम अटैच बन रहे हैं। अगर हमारे रिश्तेदार घर में अटैच टॉयलेट-बाथरूम होने के कारण खाने से मना कर दें तो आप क्या कहेंगे?”
नाहिद जिन लोगों के हक और रोजगार की बात के लिए लड़ाई लड़ने और हक के लिए आवाज उठाने की बात कह रहे हैं, वो लोग कैराना के सराय इलाके में अवैध रुप से रह रहे थे। प्रशासन का कहना है कि यह सरकारी जमीन है, जिस पर केवल सरकार का अधिकार है ।
"मैंने जो कुछ भी कहा, वह यहाँ लगातार बढ़ते भ्रष्टाचार की वजह से आई हताशा और गुस्से में कहा। गवर्नर के रूप में मुझे ऐसा बयान नहीं देना चाहिए था, लेकिन मेरी निजी सोच वही है, जो मैंने कहा। बहुत-से राजनेता और बड़े नौकरशाह भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं।"
अंतरजातीय विवाह पर रोक का समर्थन करने वाली जेनीबेन ने पहली बार विवादित बयान नहीं दिया है। पिछले साल किसानों को संबोधित करते हुए उन्होंने उनकी दुर्दशा के लिए भाजपा नेताओं की हत्या की बात कही थी।
"सांप्रदायिक समरसता को बनाए रखना लोगों की जिम्मेदारी है, इसीलिए कोर्ट का कुरान बाँटने वाला आदेश बिलकुल सही है। अदालत के इस आदेश के बाद ऋचा को इस्लाम के बारे में बहुत कुछ समझने को मिलेगा।"
"एक अधिवक्ता काला कोट पहनने के बाद हिन्दू और मुस्लिम नहीं होता है। हिन्दू ही नहीं बल्कि कई मुस्लिम अधिवक्ताओं तक ने 'कुरान बाँटने' के इस फैसले पर आश्चर्य व्यक्त किया है और कहा कि इस प्रकार की शर्त कोई न्यायालय कैसे रख सकता है?"
संजय राउत ने रिसर्चर्स के हवाले से कहा कि वो मुर्गियाँ सिर्फ़ आयुर्वेदिक अंडे ही देती हैं, जिन्हें केवल आयुर्वेदिक खाद्य पदार्थ खाने को दिए जाएँ। उन्होंने कहा कि लोग अपने शरीर में प्रोटीन की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए उन आयुर्वेदिक अण्डों को खा सकते हैं।