6 प्रमुख उद्देश्यों के साथ तबलीगी जमात की एक सबसे बड़ी शर्त और विशेषता इसकी गोपनीयता है। इसी गोपनीयता ने इसकी हरकतों पर हमेशा आवरण का काम किया है। तबलीगी समय के साथ कट्टर जिहादी समूहों में बढ़ते गए और यह विश्वास करने लगे कि 'अच्छे मुस्लिमों' को इसी जीवन में यातनाएँ भोगनी चाहिए।
हास्यास्पद यह है कि दैनिक भास्कर ने जिन स्थानों को पाठकों के लिए रिक्त छोड़ा था उसमें 'द वायर' और 'न्यूज़लॉन्ड्री' ने अपनी समझ के अनुसार 'तबलीगी जमात' भर दिया। इसके बाद दैनिक भास्कर पर सांप्रदायिकता फैलाने का आरोप भी जड़ दिया।
महबूब अली दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में हैं। कोरोना संक्रमित होने का संदेह है। मीडिया गिरोह ने बवाना में उनकी पीट-पीटकर हत्या किए जाने की खबर उड़ा दी। झूठ पकड़े जाने पर भूल सुधार की जहमत भी नहीं उठाई।
विशेष शाखा की रिपोर्ट में तीन ऐसे मोबाइल नंबर दर्ज हैं जो लोहरदग्गा के आदिवासियों के नाम हैं। जॉंच से पता चला है कि ये लोग कभी दिल्ली गए ही नहीं। इनमें से दो मोबाइल नंबर पर कॉल रिसीव नहीं हो रहा है। एक नंबर पर दिल्ली में कॉल रिसीव हो रहा है।
"वे सख्त कदम उठा रहे हैं और चाहते हैं कि ऐसे लोग सामने आएँ जो कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के सम्पर्क में आए हैं। सबसे अच्छा तो यह है कि 'रेड जोंस' यानी ऐसे इलाके जहाँ से ज्यादा मामले आए हैं, में रहने वाले लोग अपने घरों से बाहर मत निकलें।"
"उन्होंने हमें राशन नहीं दिया। कहा कि राशन तभी मिलेगा जब आप 'ला इलाहा इल्लल्लाह मुहम्मदुन रसूलुल्लाह' पढ़ेंगे। जब हमने इससे मना किया तो उन्होंने राशन देने से इनकार करते हुए चले जाने को कह दिया।"
देश में जारी लॉकडाउन के बीच दिल्ली में चार लाख लोगों को हर रोज भोजन कराने का केजरीवाल सरकार का दावा खोखला साबित हो रहा है। इस बात का खुलासा तब हुआ, जब एक महिला दिल्ली सरकार के मंत्री के पास राशन की माँग को लेकर पहुँची थी। इसके बाद मंत्री ने महिला को 'सेवा भारती' से जुड़े एक व्यक्ति का नंबर थमा दिया।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के इस प्रोफेसर शाहिद अंसारी की सच्चाई सामने आने के बाद उसके पूरे परिवार को क्वारंटाइन किया गया है। इसके बाद शहर में हड़कंप मचा हुआ है। उसके संपर्क में आने वालों की तलाश की जा रही। हैरत की बात यह है कि पूछताछ में प्रोफेसर ने जमात के आयोजन में शरीक होने इनकार कर दिया था।
नर्सों की शिकायत पर एक्शन लेते हुए अस्पताल प्रबंधन ने इस वाकये की जानकारी जिला प्रशासन व पुलिस को दी। जिस पर तुरंत कार्यवाही करते हुए जिला एसपी ने एसडीओ के साथ एक पुलिस टीम आइसोलेशन केंद्र भेजी, जहाँ पुलिस को देखते ही जमातियों ने नमाज पढ़ने का नाटक शुरू कर दिया।