इस मामले को अधिकारियों ने घृणा अपराध मानकर जाँच शुरू कर दी है। इस घटना की निंदा करते हुए मेयर ने शहर के सभी निवासियों से अपराध के ख़िलाफ़ खड़े होने की अपील की है।
मामले के प्रकाश में आते ही भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और राज्य सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए। उन्होंने चंद्रबाबू नायडू सरकार पर मंदिरों की देखरेख में कोताही बरतने का आरोप मढ़ा।
भारत में यदि यह घटना घटी होती तो लोग इस घटना को भी सांप्रदायिक बनाने में लग जाते, ऐसे लोगों को बंग्लादेश के इस घटना से समझने की ज़रूरत है कि गायों की रक्षा के लिए सिर्फ़ भारत में ही नहीं बल्कि बंग्लादेश जैसे मुस्लिम देश में भी गौरक्षक हैं।
शबनम और सलीम की वो प्रेम कहानी जिसके एक अध्याय में एक ही परिवार के सात लोगों की वीभत्स तरीके से हत्या कर दी गई। यूपी के अमरोहा की एक ऐसी दास्तान जो आपके रोंगटे खड़े कर दे।