अमेरिका ने भारत को डोनेशन के रूप में 200 मोबाइल वेंटिलेटर्स देने का फ़ैसला लिया है। इनकी क़ीमत $30 लाख के क़रीब होगी। ख़ुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्विटर पर इसकी घोषणा की थी।
फार्मा सेक्टर दवाइयों और वैक्सीन से दुनिया की सेवा कर रहा है लेकिन यह भी उतना ही बड़ा सच है कि कॉर्पोरेट सिर्फ और सिर्फ पैसा देखता है। COVID-19 दुनिया के समक्ष आज सबसे बड़ी चुनौती है लेकिन यही चुनौती फार्मा जगत के लिए सबसे बड़ा मौका भी है।
भारत द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बाद डोनॉल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करके मदद माँगी थी ताकि वे अमेरिका अपने देश में कोरोनोवायरस रोगियों की बढ़ती संख्या के इलाज के लिए 'हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन' की गोलियों की बिक्री की अनुमति दे सकें।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस दवा के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ की थी। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि भारत ने अपनी जरूरत के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवाई के निर्यात पर रोक लगाई थी, लेकिन पीएम मोदी सही हैं, उन्होंने मदद की।
अमेरिका कोरोना वायरस संक्रमण से हो रही मौतों के मामले में दुनिया में तीसरे स्थान पर है। वहॉं अब 3 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 8,452 लोगों की जान भी जा चुकी है।
मैं चाहता हूँ कि अमेरिका के लोग यह जानें कि आपके नि:स्वार्थ एवं साहसिक प्रयास देश में कई जानें बचा रहे हैं। आप बदलाव ला रहे हैं। लेकिन अनुमान दर्शाते हैं कि दो हफ्तों में मृत्यु दर बेहद ऊँचाई पर पहुँच जाएगी।”