सीजेआई ने लगभग एक महीने से अधिक समय से कृषि सुधार क़ानूनों को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि 'किसान आंदोलन' में निजामुद्दीन मरकज़ के तबलीगी जमात जैसी स्थित पैदा हो सकती है।
दिल्ली के सीमावर्ती कैंप पर कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने आंदोलन को लंबा खिंचता देख कर ईंंट-गारे से ‘पक्के’ ठिकाने बनाने शुरू कर दिए। टीकरी बॉर्डर पर कुछ किसान ईंट, बालू और सिमेंट लेकर पहुँचे।
महाराष्ट्र राज्य किसान महासभा के सचिव ने धमकी दी है कि अगर मोदी सरकार ने ‘किसानों’ की माँगें नहीं मानीं तो वो न केवल नागपुर में आरएसएस के ऑफिस को उड़ा देंगे बल्कि मोहन भागवत को भी मार डालेंगे।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने स्पष्ट कर दिया है कि तीनों कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाएगा। इसके लिए किसान चाहें तो सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
रिलायंस ने इससे पहले कोर्ट में अपनी याचिका दायर करते हुए हस्तक्षेप की माँग की थी। साथ ही कहा था कि तोड़फोड़ की इन गैर कानूनी घटनाओ को पूरी तरह से रोका जाए।