YouTube पर 17 मिनट लंबे ऑरिजिनल वीडियो में दो किसानों के साथ एक इंटरव्यू है। किसान का आरोप है कि गुजरात के कच्छ जिले में एपीएमसी बाजार नहीं हैं और किसानों को कम कीमत पर अपनी उपज बेचनी पड़ती है।
इसका सबसे बड़ा सबूत आंदोलन स्थल पर लगा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह समेत 17 लोगों की हत्या के दोषी जगतार सिंह हवारा और उसके साथियों के पोस्टर है।
AAP यूटर्न में माहिर है। कृषि कानूनों पर भी उसका रवैया ऐसा ही है। यही वजह है कि रूबिका लियाकत के सामने अडानी का नाम लेकर संजय सिंह फँस गए और उन्हें जवाब सूझ नहीं रहा था।
“मुझे लगता है कि उनको पीड़ा इस बात से नहीं है कि कृषि कानूनों में सुधार क्यों हुआ। उनको तकलीफ इस बात से है कि जो काम हम कहते थे लेकिन कर नहीं पाते थे, वो मोदी ने कैसे किया, मोदी ने क्यों किया।”
किसान आंदोलन के बीच किसानों के नाम केंद्रीय कृषि मंत्री के लिखे खुले पत्र पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए लोगों से इसे पढ़ने का निवेदन किया है।
एक समय में स्वामीनाथन रिपोर्ट को 8 साल तक दबाए रखने वाली कॉन्ग्रेस, आजाद मंडी का माँग करने वाली AAP, कृषि सुधार की माँग करने वाले अकाली दल की मंशा पर उन्होंने सवाल उठाया।