पत्र में लिखा है कि पीड़िता की मुख्य आरोपित संदीप से दोस्त थी। यह दोस्ती उसके घरवालों को पसंद नहीं थी और इसी नफरत में परिवार के लोगों ने ही उसे मार दिया।
अतीकुर्रहमान, आलम, सिद्दीक कप्पन और मसूद अहमद के पास गिरफ्तारी के दौरान 6 स्मार्टफोन, एक लैपटॉप व 'जस्टिस फॉर हाथरस' नाम के पैम्फ़्लिट पाए गए थे और ये लोग शांति भंग करने के लिए हाथरस जा रहे थे।
ग्राम प्रधान ने आरोप लगाया है कि पीड़िता और मुख्य आरोपित फोन पर लगातार संपर्क में थे। उन्होंने यह भी कहा कि पीड़िता के परिवार ने उनके कथित संबंध पर आपत्ति जताई थी।
ईडी की रिपोर्ट का हवाला देकर बताया जा रहा है कि इस कांड के बहाने जातीय दंगा फैलाने के लिए पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के पास मॉरिशस से 50 करोड़ रुपए आए थे।