बॉर्डर पार करने वालों की संख्या में ये इजाफा असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) की दूसरी लिस्ट आने के बाद आया है। ताज़ा आँकड़ों के मुताबिक, साल 2018 में गैरकानूनी तरीके से बांग्लादेश जाने वालों की संख्या में 50 फीसदी का इज़ाफा हुआ।
अभी तक जहाँ सोशल मीडिया पर तानाजी फिल्म को बिना किसी छेड़छाड़ के पेश किए जाने के लिए सराहा जा रहा था, वहीं अनुपमा चोपड़ा से हुई बातचीत में सैफ के बयान ने उन्हें आलोचनाओं का केंद्र बना दिया है।
भारत की कथित सेक्युलर मीडिया, वामपंथी-लिबरल गैंग इंटरनेट शटडाउन को प्रोपेगेंडा की चाशनी में इस कदर लपेट कर परोसता है कि जैसे अभिव्यक्ति की आजादी पर पहरा बिठा दिया गया हो। लेकिन, एक वैश्विक रिपोर्ट बताती है कि इंटरनेट की आजादी के मामले में भारत पाकिस्तान, चीन जैसे पड़ोसियों से ही नहीं रूस जैसे विकसित देशों से भी काफी आगे है।
गाय और भेंड़ का माँस खाने वाला उदयभान। उसके 12 ताक़तवर बेटे। उसका सेनापति हिल्लाल। 1800 पठान। अरबों की सेना। इन सबके बावजूद तानाजी ने माँ को किया वादा निभाने के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी। कहानी मराठा योद्धा और छत्रपति शिवाजी के विश्वस्त मित्र की।
1990 में जब इराक़ ने कुवैत पर हमला किया था, तब वहाँ से 1 लाख 70 हज़ारो भारतीयों को निकाला गया था। लगभग ढाई महीने चली उस प्रक्रिया में एयर इंडिया की 488 फ्लाइट्स ने उड़ान भरी थी। आज खाड़ी देशों में हमारे 1 करोड़ लोग हैं।
यह हमला बगदाद में एयरपोर्ट पर अमेरिकी रॉकेट हमले में ईरान के कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत के बाद हुआ है। बगदाद स्थित ग्रीन ज़ोन में लगातार यह दूसरा हुआ हमला है। इससे पहले, शनिवार की रात को भी रॉकेट से अमेरिकी दूतावास और एयरबेस पर रॉकेट से हमला किया गया था।
बीजीबी के महानिदेशक ने बताया है कि 2019 में अवैध रूप से सीमा पार करने पर 1000 लोगों को बांग्लादेश में गिरफ्तार किया गया। इनमें 445 नवंबर-दिसंबर में आए। पहचान कराने पर सभी घुसपैठियों के बांग्लादेशी होने की बात सामने आई।
आज से सवा सौ साल पहले निकोलस नोतोविच ने एक अनुभवी लामा से मुलाक़ात की। उसने प्राचीन पाली भाषा में लिखे कुछ ऐसे दस्तावेज दिखाए, जिससे निकोलस के होश उड़ गए। सिल्क रूट से हिमालय पर पहुँचे ईसा मसीह ने बौद्ध भिक्षुओं से आत्म व परमात्मा के गुर सीखे।
बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने एनआरसी का भारत के साथ संबंधों पर विपरीत असर पड़ने की खबरों को किया खारिज। कहा, भारत के साथ संबंध काफी अच्छे हैं और एनआरसी से इस पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
लिंडनर ने कहा कि अगर यूएन में जल्द ही बदलाव नहीं किया जाता है तो लोग उस पर भरोसा करना छोड़ देंगे। उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही विश्व की सबसे बड़ी संस्था में रिफॉर्म नहीं किया जाता है तो लोग ये समझेंगे कि ये वास्तविकता से काफ़ी दूर हैं।