“मुझे ऐसा लगता है कि एक दिन अफग़ानिस्तान में शांति होगी, सब कुछ बेहतर होगा। ऐसा होने पर यहाँ रहने वाले सभी लोग वापस लौटेंगे। हिन्दू से लेकर सिख सभी इस ज़मीन की औलाद हैं, हम भी अफगान हैं।”
तीस्ता सीतलवाड़ और स्वराज अभियान से जुड़े वामपंथी जिया नोमानी ने निजी बातचीत में स्वीकार किया है कि पीएफआई और एसडीपीआई जैसे संगठन देश के मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाते हैं।