"बँटवारा मज़हब के आधार पर हुआ। गाँधी और अम्बेडकर नहीं चाहते थे कि भारत के टुकड़े हों, लेकिन कुछ सांप्रदायिक नेताओं ने देश का विभाजन कर दिया। मजहब के आधार पर गठित पाकिस्तान की यह हालत हो गई कि 1971 आते-आते बांग्लादेश उससे अलग हो गया।"
जेपी नड्डा ने कहा कि कॉन्ग्रेस ने अनुच्छेद 370 से आदिवासियों का हक़ मारने का काम किया है। इसके लिए जवाहरलाल नेहरू को ज़िम्मेदार ठहराते हुए कहा कि संविधान सभा में कोई भी इसके पक्ष में नहीं था। देश के पहले क़ानून मंत्री अम्बेडकर भी इसके लिए राज़ी नहीं थे।
फारूक अब्दुल्ला को जिस पीएसए एक्ट तहत हिरासत में लिया गया है उसमें किसी व्यक्ति को बिना मुक़दमा चलाए 2 वर्षों तक हिरासत में रखा जा सकता है। अप्रैल 8, 1978 को जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल से इसे मंजूरी मिली थी। यह क़ानून लकड़ी की तस्करी रोकने के लिए लाया गया था।
ब्लैकमैन ने साफ़ कर दिया कि पाकिस्तान को पीओके छोड़ना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जम्मू कश्मीर पूरी तरह भारतीय गणराज्य का हिस्सा है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी ब्लैकमैन को आश्वासन दिया कि ब्रिटेन कश्मीर को भारत-पाक के बीच का मुद्दा मानता है।
मलाला के साथ पाकिस्तान में जो कुछ हुआ वह दुखद है। लेकिन, श्रीश्री ने तीन साल पहले ही कह दिया था कि वह नोबेल पुरस्कार के लायक नहीं हैं। उनकी बातें कश्मीर पर पाकिस्तानी प्रोपगेंडा की बानगी भर है। उन्हें सिंध में जबरन इस्लामिक धर्मान्तरण नहीं दिखता। असल में बर्मिंघम में रहकर आतंक का अब्बा पाकिस्तान जन्नत ही दिखता है।
बलूचिस्तान के नेताओं को पाकिस्तान के डर से देश से बाहर रहना पड़ रहा है। पीओके के समाजसेवी पाकिस्तान पर आरोप लगा रहे हैं। सिंध में लड़कियों का जबरन धर्मांतरण हो रहा है। लेकिन, मलाला कश्मीर पर पाकिस्तानी नैरेटिव चलाने में लगी हैं, वो भी बिना सबूतों के।
इस डॉक्यूमेंट के 11वें पेज पर जम्मू कश्मीर में ‘लोगों पर भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा अत्याचार’ की बात कही गई है, जो पाकिस्तान का वर्षों पुराना प्रोपेगेंडा रहा है। इसमें ऐसे महिलाओं को ढूँढ कर लाने और उनका अनुभव प्रकाशित करने को कहा गया है, जिन्हें यौन शोषण का सामना करना पड़ा। इसी तरह प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए अन्य विभिन्न तरीकों की बात की गई है।
पाक अधिकृत कश्मीर में लोगों ने पाकिस्तान की सेना व पुलिस के द्वारा किए जा रहे अत्याचारों के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन में कई लोग शामिल हुए और उन्होंने 'पाकिस्तान से आज़ादी' की माँग की।
ये घटना कुपवाड़ा के केरन सेक्टर की है, जहाँ एलओसी के पास पाकिस्तान की इस हरकत को नाकाम किया गया। भारतीय सेना द्वारा जारी की गई वीडियो में 5 बैट आतंकियों की लाशें और उनके हथियार दिख रहे हैं।