दीपिका पादुकोण ने अब तक इस मामले में चुप्पी साध रखी थी लेकिन अब विरोध प्रदर्शन में उन्होंने भाग लिया है। दीपिका पादुकोण की 'छपाक' रिलीज होने जा रही है, जिसमें उन्होंने एक एसिड अटैक पीड़िता का किरदार निभाया है।
सर्वर डैमेज होने को लेकर जेएनयू प्रशासन ने एफआईआर भी दर्ज कराई थी। इसके अगले दिन गुंडे फिर से कम्युनिकेशन सेंटर में घुस गए थे और उन्होंने फिर से कर्मचारियों को भगा कर तकनिकी सिस्टम को तोड़फोड़ डाला था। जाँच में सीसीटीवी फुटेज की अहम भूमिका होगी।
जब कॉन्ग्रेस नेता प्रियंका गाँधी वाड्रा घायल छात्रों से मिलने एम्स गईं थी, तो उनके समर्थकों ने सबसे पहले घायल छात्रों से यही पूछा कि उनका संबंध किस विचारधारा से है। एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि प्रियंका गाँधी ने कुछ छात्रों को शॉल दी, लेकिन बाद में उनके कार्यकर्ताओं ने शॉल वापस ले ली।
मीना ने 7 जुलाई, 2018 को गुरुग्राम पुलिस स्टेशन में एक FIR दर्ज करवाया था। इसमें कहा गया था कि पीटर ने अपनी शादी के बारे में उससे झूठ बोला था और फिर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए थे। मीना ने आरोप लगाया कि पीटर ने शादी का वादा करके उसके साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाए थे।
अवॉर्ड वापसी गैंग के मार्गदर्शक मंडल में शामिल मुनव्वर राना को ख़ूब पता है कि दस्तारें बनाने वाले अब पत्थर चलाने लगे हैं। राना अब 'माँ' को छोड़ कर 'मर्दानगी' जाँचने पर उतर आए हैं। उनके अंदर का 'मुसलमान' बिलबिला रहा है। उनका लॉजिक है- मुस्लिम ज़्यादा वफ़ादार हैं क्योंकि उन्हें दफनाया जाता है।
जेएनयू हिंसा को अंजाम देने की वास्तविक बातचीत का दिखावा तो खुद करते हैं और दोष ABVP पर डालते हैं। निश्चित रूप से इस हिंसा से एबीवीपी को तो कोई फायदा नहीं है। किसको है ये आप सभी को पता है? कौन है जो देश में अराजकता, हिंसा और दंगे की स्थिति पैदा करना चाहता है? अब देखना यह होगा कि भारत में अराजकता पैदा करने के लिए कॉन्ग्रेस और वामपंथियों का यह इकोसिस्टम कितनी दूर तक जाएगा?
JNU उपद्रव के बाद मीडिया द्वारा खुद को विक्टिम दिखाना। पुलिस-प्रशासन को विलेन बता, सोशल मीडिया पर लिखना। अगर यही सारे पत्रकार नक्सलियों द्वारा गला रेत लाश टाँगने की रिपोर्टिंग करने गए होते तो खबर गायब हो जाती और प्राइम टाइम होता अर्द्धसैनिक बल वाले सरदार की गाली और रिपोर्टरों की चाशनी में लिपटे प्रोपेगेंडा पर।
इस वीडियो के बाद सोशल मीडिया पर एबीवीपी की ओर से हमले में घायल हुए शिवम की कुछ तस्वीरें भी शेयर की गईं। इनमें दावा किया गया कि वामपंथी गुंडों द्वारा किए गए हमले में शिवम के सिर पर, गले पर चोटें आई हैं।
दिल्ली पुलिस ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से शिकायत मिलने के बाद 2 एफआईआर दर्ज की हैं। इन एफआईआर में जेएनयू छात्र संघ प्रेसिडेंट आइशी घोष के साथ ही 19 अन्य छात्रों के नाम शामिल हैं। पुलिस जल्द ही इन छात्रों को पूछताछ के लिए बुलाएगी।
"प्रदर्शनकारियों की वजह से सड़कें अवरुद्ध हो रही थीं और आम लोगों एवं पर्यटकों को परेशानी हो रही थी। हमने प्रदर्शनकारियों से बाहर निकलने के लिए कई बार अपील की थी। अब उन्हें आजाद मैदान में स्थानांतरित कर दिया है।"