Saturday, November 23, 2024

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ABVP वालों के चोट को फ़र्ज़ी बताने वाला डॉक्टर निकला कॉन्ग्रेस नेता, ‘रावण’ से लिंक, न्यूज़लॉन्ड्री की खुली पोल

न्यूज़लांड्री ने जिस डॉक्टर के बयान के आधार पर दावा किया कि एबीवीपी वालों के चोट फ़र्ज़ी हैं, वो 'रावण' का डॉक्टर निकला। वो कॉन्ग्रेस का पदाधिकारी भी है। मोदी-शाह के ख़िलाफ़ ज़हर उगलता रहता है। उसके बयान को 'मेडिकल एक्सपर्ट' का बयान बना कर पेश किया गया।

JNU हिंसा के दो चेहरे: जानिए कौन हैं नकाबपोशों का नेतृत्व करने वाली आइशी घोष और गीता कुमारी

गीता कुमारी और आइशी घोष- इन दो नामों को याद रखिए। महिला होकर इन दोनों के नकाबपोश गुंडों ने महिलाओं के साथ बदतमीजी की। यही वामपंथी महिलाधिकार का झंडा लेकर कैंडल मार्च निकालते हैं। जेएनयू हिंसा में दोनों वामपंथियों का अहम रोल दिख रहा है।

लेफ्ट इकोसिस्टम ने पहले ही रच ली थी JNU हिंसा की साज़िश: वामपंथियों की बौखलाहट का पूरा खाका

अकादमी क्रियाकलाप में हज़ारों छात्रों ने भाग लिया, इससे वामपंथी बौखला गए। सीएए पर BJP 3 करोड़ घरों में पहुँच रही है, इससे उन्हें तगड़ा झटका लगा। जेएनयू में हुई हिंसा के पीछे जितने भी फैक्टर्स हैं, उन सबके बारे में समझिए। देखिए लेफ्ट इकोसिस्टम ने कैसे अफवाहें फैलाई।

लाज़िम है वो NDTV नहीं देखेंगे: चैनल ने लेफ्ट को बताया JNU फसाद की जड़, वामपंथियों ने कहा- धोखा

NDTV अब भले ही वामपंथियों को ख़ुश करने के लिए भाजपा व एबीवीपी को इस हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए 1000 लेख लिखे, डैमेज हो चुका है। वो कहते हैं न, सच छिपाए नहीं छिपता। शायद एनडीटीवी पर यही कहावत फिट बैठती है। वामपंथी 'अपने' ही चैनल से निराश हैं।

JNU हमला 26/11 की तरह, गुंडों को आतंकवादी बोला जाए: ठाकरे पिता-पुत्र ने चली कॉन्ग्रेस की चाल

"इन हमलों की वजह से देश की छवि पूरी दुनिया में खराब हो रही है। इन गुंडों को आंतकवादी कहना चाहिए, क्योंकि वे भी मुँह छिपाकर ही आते हैं। इस पर तय समय के अंदर कार्रवाई होनी चाहिए, वरना विदेश के छात्र यहाँ पढ़ने नहीं आएँगे।"

JNU की जिस प्रेसिडेंट का रात में फूटा माथा, दिन में वो खुद नक़ाबपोश हमलावरों के साथ थीं – Video Viral

रात में जितना भी बवाल होता है, जितनों को चोट लगती है - सबका आरोप ABVP के ऊपर मढ़ दिया जाता है। और खुद JNUSU प्रेसिडेंट की सर फटी तस्वीर से नैरेटिव फिट भी बैठ रहा था वामपंथियों का... लेकिन ट्विस्ट आता है 2 वीडियो के जरिए। एक में भीड़ द्वारा छात्र-छात्राओं को पीटा जाना, दूसरे में मास्क पहने या मुँह ढँकी भीड़ के साथ खुद JNUSU प्रेसिडेंट का होना।

प्रशासन ने बताई JNU में हमलावरों की ‘पहचान’: विपक्ष जबरदस्ती ठहरा रहा सरकार को जिम्मेदार

पुलिस को पूरे मामले पर जानकारी दी गई। लेकिन पुलिस के घटनास्थल पर पहुँचने से पहले ही ये छात्रों का समूह अपना उत्पात मचा चुका था। कई शांत छात्रों को उनके कमरों में घुसकर मारा गया था और कई शिक्षकों पर भी हमले हुए थे। सुरक्षाकर्मियों के भी इस हमले में घायल होने की खबर है।

‘जामिया में पुलिस क्यों घुसी’ से लेकर ‘JNU में पुलिस क्यों नहीं गई’ तक: गिरोह विशेष का दोहरा रवैया

जब जामिया में पुलिस घुसी थी, तो इन्होने ही पुलिस की निंदा की थी। आज ये पूछ रहे हैं कि जेएनयू में पुलिस क्यों नहीं घुसी? कल जब वामपंथी दंगाइयों को गिरफ़्तार किया जाएगा, मीडिया उनके परिवार का इंटरव्यू लेगा और उन्हें निर्दोष बताएगा। दिल्ली पुलिस ही बलि का बकरा क्यों बने?

JNU हिंसा का इंटरनेशनल कनेक्शन, घायल छात्रा ने खोली पोल: शॉल में पत्थर छिपाए दंगाइयों ने मचाया आतंक

इंटरनेशनल नंबरों से व्हाट्सप्प ग्रुप में घुस कर ABVP के नाम पर बातचीत की गई। छात्र-छात्राओं को कॉल कर के धमकियाँ और गालियाँ दी जा रही हैं। वेलेंटिना ने बताया कि शॉल के अंदर पत्थर छिपा कर आए उपद्रवियों ने डंडों से भी हमला किया। रजिस्ट्रेशन रोकने के लिए ऐसा किया गया।

‘चल निकल दलाल… तेरी माँ की…’- रिपब्लिक भारत का रिपोर्टर देखते ही प्रदर्शनकारी ने दिखाई अपनी हकीकत

सोशल मीडिया पर वामपंथी गिरोह के लोगों द्वारा रिपब्लिक टीवी को केंद्र सरकार का गुणगान करने वाले चैनल के रूप में प्रदर्शित किया जाता है। ऐसे में इस चैनल के रिपोर्टर को देखकर जेएनयू प्रदर्शनकारी के द्वारा माँ की गाली देना वामपंथियों के विरोध से ज्यादा मोदी व हिंदू घृणा दर्शाती है।

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