बकौल राजपूत, शिवराज सरकार की लूट के कारण पूरा मध्य प्रदेश खोखला हो गया है। सीएम कमलनाथ इससे जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश कर्ज के गर्त में है। जिसकी वजह से कमलनाथ सरकार को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
गुना के फतेहगढ़ में 8 साल के लड़के का विवाह 7 साल की एक लड़की के साथ किया गया है। इस बाल विवाह में दोनों पक्षों की रजामंदी थी। दोनों पक्षों ने बकायदा कार्ड भी छपवाए और पूरे रीति-रिवाज के साथ मासूमों की शादी करवाई।
पुलिस अधिकारी आरसी भाकर ने बताया की घटना वीडियो वायरल होने के बाद मामले की जाँच शुरू कर दी गई है। पीड़िता और उसके पिता के गाँव में नहीं मिलने के कारन पुलिस उनका बयां दर्ज पाई है।
आरोपी सोंटा कॉन्ग्रेस का महामंत्री है और पार्षद का चुनाव भी लड़ चुका है। उसके खिलाफ हत्या, मारपीट और सूदखोरी के कई केस दर्ज हैं। वहीं, सोंटा का साथी अनमोल कॉन्ग्रेस के छात्र संगठन से जुड़ा हुआ है। वह भी नामी बदमाश है।
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने ट्विटर के जरिए कॉन्ग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए लिखा, "अब तो स्वयं साक्षात मंत्री जी कह रहे हैं तो सवाल अहम हो जाता है। क्या संवैधानिक व्यवस्था को ताक पर रख दिया। क्या शपथ लेने वाले मुख्यमंत्री से परे सत्ता के सूत्र किसी अन्य के पास हैं तो संवैधानिक संकट है? "
बैतूल से आईजी ऑफिस होशंगाबाद, होशंगाबाद से उन्हें पुलिस मुख्यालय, फिर बैतुल, इसके बाद सागर और छतरपुर से होते हुए भोपाल और फिर से बैतूल और उसके बाद लाइन हाज़िर। इसके बाद सारणी थाने का चार्ज लेने के एक सप्ताह के भीतर निवाड़ी जिले में ट्रान्सफर।
"यदि सिंधिया को मध्य प्रदेश की राजनीति से दूर किया गया तो 500 कार्यकर्ताओं के साथ दिल्ली के 10 जनपद स्थित कॉन्ग्रेस कार्यालय जाकर प्रदर्शन करेंगे और फिर भी अगर बात नहीं मानी गई तो सामूहिक रूप से अपने पदों से इस्तीफ़ा दे देंगे।"
मध्य प्रदेश में हालाँकि इस पद के दावेदार केवल सिंधिया ही नहीं हैं। कॉन्ग्रेस के पूर्व दिग्गज नेता अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह भी इस कतार में खड़े हैं। वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह उनका समर्थन कर रहे हैं। इन सबके मद्देनज़र...
अमित सिंह की मानें तो 16 अगस्त को पर्यटन स्थल हनुवंतिया टापू पर उनका परिवार पिकनिक मनाने गया था। वहाँ सुरक्षा गार्ड ने उनके परिवार पर ईंट, लाठी और बियर की बोतल से हमला किया। हमले में उनके भाई की आँख की 80 फीसद रोशनी चली गई।
अंधत्व निवारण कार्यक्रम के तहत इंदौर आई हॉस्पिटल में 13 मरीजों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया। इनमें से सिर्फ 2 मरीजों की आँखें ठीक हुईं। लेकिन शेष 11 मरीजों की आँखें ठीक होने के बजाय रोशनी ही चली गई।