यह चुप्पी केवल आज की नहीं है, केवल मंगरू के मामले में नहीं है। यह हर उस मामले में ओढ़ा गया सन्नाटा है, जब 'डरा हुआ शांतिप्रिय' कोई अपराध करता है, और भुक्तभोगी कोई हिन्दू होता है।
"नशे में धुत कुछ युवक मेरे घर के नीचे इकट्ठा हो गए थे और जब आस-पास के लोगों ने उन्हें मंदिर के अंदर जाने से रोकने की कोशिश की तो उन्होंने करीब 400 लोगों को हमला करने के लिए बुला लिया। इस दौरान AAP विधायक इमरान हुसैन भी वहाँ आए और उन्होंने मुस्लिम भीड़ का समर्थन किया।"
"हम दिन-रात इसलिए मेहनत नहीं कर रहे कि ऐसी हरकत की जाए। किसी का बेटा होने का ये मतलब नहीं कि मनमानी की छूट होगी। जेल से छूटने के बाद स्वागत में जो लोग गए थे, उनको बाहर किया जाए, पूरी यूनिट भंग की जाए।"
जूता फैक्ट्री चलाने वाले ज़ाहिद ने आरोप लगाया कि उसके समाज के लोगों ने जबरन उसकी फैक्ट्री बंद कराने की कोशिश की और धमकियाँ दीं। इरफ़ान सलीम, शिराज कुरैशी, महमूद ख़ान, राहत अली, नदीम नूर, जुहैर ख़ान, हाजी बिलाल और तालिब शहजाद सहित कई लोगों पर मुक़दमे दर्ज किए गए।
ISIS के झंडे लहराए गए। तबरेज अली के बैनर-पोस्टर के साथ उसे शहीद का दर्जा देने की माँग की गई। इंस्पेक्टर, सीओ और सिटी एसपी से धक्कामुक्की की गई। राहगीरों को परेशान किया गया। पाँच थानों में 70 नामजद सहित हज़ारों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है।
रील वाली जायरा ने रियल में न जाने कितनी 'जायरा' को प्रभावित किया होगा, पर अफसोस! जायरा अपने फैसले से कितना आगे गईं, कितना पीछे, पता नहीं, लेकिन जिन्होंने जायरा के संघर्ष में खुद का भविष्य सोचा होगा, वो लड़कियाँ मानसिक तौर पर बहुत पीछे चली गई होंगी, यह पक्का है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, पहले साज़िश के तहत यह अफवाह फैलाई गई कि एक मुस्लिम व्यक्ति की भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई है और उससे जबरदस्ती 'जय श्री राम' बुलवाया गया है। इस अफवाह के बाद मुस्लिम मॉब मंदिर में घुस आई और मूर्तियों को तोड़-फोड़ दिया।
एक ऐसा राजर्षि, जिसने गाँव-गाँव में कॉन्ग्रेस को मजबूत करने में अपनी ज़िदगी खपा दी और लोकतान्त्रिक तरीके से जीत कर कॉन्ग्रेस अध्यक्ष बने। लेकिन, नेहरू के 'असहयोग' के कारण भारत रत्न टंडन को राजनीतिक वनवास पर जाना पड़ा। पटेल और बोस के बाद ऐसा त्याग करने वाले तीसरे नेता की कहानी।
इस्लाम के समर्थकों और ईसाईयों को आत्म-विवेचन की जरूरत है- 'इनटॉलेरेंस' के लिए जिम्मेदार 'भगवाकरण' है, या हिन्दुओं को आक्रामकता अख्तियार करने के लिए मजबूर करने वाले उनके आचरण।