कैपिटल हिल वाले अगर दंगाई थे तो दिल्ली के उपद्रवी संत कैसे हुए? ट्रम्प की आलोचना हो रही थी तो राहुल-प्रियंका की निंदा क्यों नहीं? ये दोहरा रवैया अपनाने वाले आज भी फेक न्यूज़ फैलाने में लगे हैं।
हिंदुओं से घृणा का स्तर कितना अधिक व्यापक है कि यदि भाजपा की तुलना अयातुल्ला खुमैनी से भी हो जाए तो नाराजगी दिखने लगती है। मानो जैसे बेचारे अयातुल्ला ने ऐसा भी क्या कर दिया कि उसकी तुलना 'फासीवादी' भाजपा से की जाए।