आदिनाथ, दीपू साहनी, शोभनाथ साहनी, संतोष, विनोद, पप्पू, लल्लू साहनी जैसे कई और निषाद समाज के लोगों से भी ऑपइंडिया ने बात की, सबने मीडिया में चल रहे 18 दिन से 350 परिवारों के भूखे रहने वाली मनगढंत थ्योरी को नकारा है।
NDTV की निधि राजदान, राणा अयूब जैसी अक्सर फर्जी खबर फैलाने वाले कई 'पत्रकार' भी इस मुहिम में शामिल थे। उन्होंने सच को जानने की तनिक भी कोशिश नहीं की। ट्विटर पर कई सत्यापित हैंडल थे जो ऐसी काल्पनिक कहानी को फैलाने में मदद करते हैं।
बिजनेस स्टैंडर्ड ने एक आर्टिकल में दावा किया था कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) और केंद्रीय अप्रत्यक्ष एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) का विलय होने जा रहा है।