दिल्ली पुलिस ने खुलासा किया है कि उपद्रवियों के बीच जानबूझकर ये अफवाह फैलाई गई कि कपिल मिश्रा के लोगों ने CAA विरोध प्रदर्शन के पंडाल में आग लगा दी है।
ऑल्टन्यूज़ को चीनी सैनिकों के घायल होने या उनके मारे जाने की खबरें ज्यादा पसंद नहीं आईं और उन्होंने इसका भी फैक्ट चेक करते हुए भारतीय मीडिया को फर्जी साबित करने का प्रयास किया है।
बहुत ही बारीकी से कभी प्रतीकात्मक तस्वीर के नाम पर तो कभी सीधे खुल्ले में खेलते हैं कि कौन सी जनता जा रही है तहकीकात करने? अगर बाद में पता भी चला तो क्या हो जाएगा? क्योंकि आजतक कभी इन्हें अपनी इन हरकतों पर कोई बड़ा आउटरेज नहीं झेलना पड़ा।
ज़ैनब सिकंदर एक लाइन का कुछ लिखें या हजार शब्दों का कुछ लिखें, उसका एक ही मकसद है अपनी हिन्दूघृणा को साकार रूप देना और अपने 'मजहबी टार' को अपनी कल्पनाओं के साहित्य से सींचना।
विकीपीडिया पर ऑपइंडिया का पेज इतना नेगेटिव क्यों है? ये वो सवाल है जिसके बारे में लोगों ने हमसे कई बार पूछा। लेकिन, इस सवाल जवाब बेहद सरल है। वो ये कि हमने एक बने-बनाए इकोसिस्टम को चुनौती दी।
कपिल मिश्रा ने 'द क्विंट' की एक ऐसी ही अपील के स्क्रीनशॉट ट्विटर पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि किस प्रकार 'द क्विंट' भारत के लोगों को उकसाकर उन्हें सड़कों पर उतर आने की अपील कर रहा है।