मलाला के साथ पाकिस्तान में जो कुछ हुआ वह दुखद है। लेकिन, श्रीश्री ने तीन साल पहले ही कह दिया था कि वह नोबेल पुरस्कार के लायक नहीं हैं। उनकी बातें कश्मीर पर पाकिस्तानी प्रोपगेंडा की बानगी भर है। उन्हें सिंध में जबरन इस्लामिक धर्मान्तरण नहीं दिखता। असल में बर्मिंघम में रहकर आतंक का अब्बा पाकिस्तान जन्नत ही दिखता है।