शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत समेत 5 अन्य संघ पदाधिकारियों के ट्विटर एकाउंट का ब्लू टिक हटा दिया था और इन सभी को ‘Unverified’ की श्रेणी में डाल दिया था।
"लोग जवाहर लाल नेहरू से पूछ रहे थे कि पाकिस्तान के निर्माण का नया मुद्दा सामने आ रहा है। जब उनसे पूछा गया कि ये सब क्या है? तब नेहरू ने जवाब में कहा, विभाजन मूर्खों का सपना है।”
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि जिन लोगों को देश के टुकड़े करना है वह समाज में एकता लाना बर्दाश्त नहीं करेंगे। क्रांति के रास्ते समाज में समरसता नहीं लाई जा सकती है।
5 अगस्त यानी 8 दिन पहले महंत नृत्य गोपाल दास प्रधानमंत्री मोदी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के साथ अयोध्या में राम मंदिर के भूमिपूजन में शामिल हुए थे। इसके साथ उन्होंने उनके साथ मंच भी साझा किया था।
भाषण के शुरू में ही मोहन भागवत स्पष्ट कहते सुने जा सकते हैं कि शब्दों का अर्थ बदलता जा रहा है। इसके बाद ही उन्होंने बताया है कि राष्ट्रवाद शब्द के इस्तेमाल करने पर आपके कथन का सीधा अर्थ फासीवाद और नाजीवाद से जोड़ दिया जाता है।