अयोध्या में रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के शिलान्यास के बाद से ही काशी और मथुरा का मुद्दा भी गरमाता नजर आ रहा है। लोगों की निगाहें अब काशी विश्वनाथ मंदिर के फैसले पर टिकी हुई है।
"मेरा जो काम है वो काम मैं करूँगा। मैं अपने कार्य को हमेशा कर्तव्य और धर्म मानकर चलता हूँ। मैं जानता हूँ कि मुझे कोई बुलाएगा नहीं इसलिए मैं जाऊँगा भी नहीं।"
इस ट्वीट में सरफराज ने लिखा, "ये मस्जिद हमारा था और हमारा रहेगा। आज वो पावर में हैं तो मंदिर बना लिया। हम पावर में होंगे तो फिर से मस्जिद होगा। क्योंकि इतिहास रिपीट होता है।"
एर्दोगन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल का रूपांतरण तुर्की के 'संप्रभु अधिकार' के भीतर ही था। हागिया के परिसर के अंदर 24 जुलाई को पहला नमाज पढ़ा जाएगा।