अंधराठाढ़ी थाना के गीदरगंज गाँव से चार जमाती और हरना गाँव की एक मस्जिद से 11 बंगाली जमातियों को क्वारंटाइन किया गया था। इन सभी को क्वारंटाइन करने के बाद पुलिस ने मस्जिद को भी सैनिटाइज किया। ब्लीचिंग पाउडर और केमिकल्स के साथ पूरे इलाक़े में अग्निशमन विभाग को लगाया गया था।
जहाँ मरकज बना हुआ है, वहाँ पहले एक छोटा सा मदरसा होता था। मदरसा भी नाममात्र जगह में ही था। यहाँ क्षेत्र के ही कुछ लोग नमाज पढ़ने आते थे। लेकिन 1992 में मदरसे को तोड़कर बिल्डिंग बना दी गई।
“सरकार और पुलिस डर की भावना पैदा करने के लिए ऐसे बयान दे रही है। कुछ नहीं होगा। कराची 20 मिलियन का शहर है, सरकार हर नुक्कड़ या हर सभा में अपना फैसला लागू नहीं कर सकती है।”
कासरगोड जिले के मडिक्की गाँव की अरई जुमा-मस्जिद में इमाम लॉकडाउन के बावजूद लोगों को नमाज पढ़वा रहा था। जिसकी सूचना मिलने पर नीलेश्वरम पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मस्जिद के इमाम व एक अन्य को गिरफ्तार कर लिया। जिला कलेक्टर ने आईपीसी की धारा 269 के तहत मामला दर्ज करने का आदेश दिया है।
हमलावरों की पहचान की जा रही है। उन्हें जल्द गिरफ्तार करने का दावा किया गया है। ड्रोन की मदद से छतों की निगरानी की जा रही है। पुलिस के आला अधिकारियों ने कहा है कि लॉकडाउन तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
नए ऑडियो में (जिसे आज ही अपलोड किया गया है, जबकि मौलाना पुलिस-प्रशासन से भागता फिर रहा है) मौलाना साद न केवल डॉ की हिदायत पर अमल करने के लिए कहता है, बल्कि उसे शरीयत के अनुकूल भी बताता है।
औरतें और बच्चें भी भीड़ में शामिल दिख रहे हैं। विडियो में काफी शोरगुल के बीच मैथिली में गोली चलाए जाने और पुलिसकर्मियों के गाड़ी छोड़ कर भागने की बात कहते लोगों को आप सुन सकते हैं। एक शख्स पीएम मोदी का भी नाम ले रहा है।
पुलिस ने मौलाना साद, डॉ जीशान, मुफ्ती शहजाद, मोहम्मद सैफी युनूस और मो सलमान के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की। पुलिस ने बताया कि संख्या ज्यादा होने के कारण जगह को खाली कराने में 5 दिन लगे। वहीं ये भी मालूम हुआ कि 28 मार्च को पुलिस द्वारा नोटिस मिलने के बाद से इस कार्यक्रम को आयोजित करने वालों में से एक मोहम्मद साद फरार है। पुलिस इनकी तलाश में जुटी है।
4 महिलाएँ, 4 पुरुष। रहने वाले पश्चिम बंगाल के मिदनापुर के। निजामुद्दीन में जमात के कार्यक्रम में शिरकत की। मिले छत्तीसगढ़ की एक मस्जिद से। जब मौके पर पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुॅंची तो उनका विरोध किया। उन्हें गुमराह करने की कोशिश की।