अपनी गलती मानते हुए भी आरोप आप ही पर कि आगे ये लोग दंगा कर देंगे, हिंसा कर देंगे, इसलिए हमने हटाया वरना विज्ञापन में तो ऐसा कुछ है नहीं, जो नहीं समझे उन्हीं की गलती है।
जैसे ही ये खबर NDTV पर आई, प्रोपेगंडा पोर्टलों ने इसे उठा कर प्रकाशित करना शुरू कर दिया। लेकिन, किसी ने भी स्टोर के मैनेजर या किसी कर्मचारी से बयान लेने की जहमत नहीं उठाई।
दिल्ली पुलिस का दावा है कि एनडीटीवी एंकर ने सभी तथ्यों को छिपाते हुए एक कहानी रचने की शरारतपूर्ण कोशिश की है। क्योंकि चाँद बाद में पत्थरबाजी 23 फरवरी को सुबह 11 बजे शुरू हो गई थी।