पत्र में लिखा गया कि ऐसे संवेदनशील समय में जब किसान दिल्ली के पास विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, उस समय रवीश कुमार ने महत्वपूर्ण तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया है, जो किसानों को भ्रमित करता है और समाज में नकारात्मक भावनाओं को उकसाता है।
श्री अजीत भारती को उनके मित्र अलख सुंदरम् ने बताया कि गोरों की जमीन पर जाते ही मुँह पर मुल्तानी मिट्टी लगा कर घूमें ताकि ऑक्सफोर्ड में उन्हें ब्राउन समझ कर कोई दुष्टता न कर दे।