पीएम मोदी ने खुद इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “टाइम मैगजीन विदेशी है, लेखक खुद कह चुका है कि वह पाकिस्तान के एक राजनीतिक परिवार से आता है। यह उसकी विश्वसनीयता बताने के लिए काफी है।”
विपक्ष की यह पुरज़ोर कोशिश रहती है कि पीएम मोदी द्वारा दिए गए साक्षात्कार में उन्हें किस तरह से बेवजह के मुद्दों पर घेरा जा सके। इनमें कुछ मीडिया संस्थान और मीडियाकर्मी भी शामिल हैं जिन्हें दुष्प्रचार करने में महारत प्राप्त है।
शाह ने कहा कि बीजेपी 300 से ज्यादा सीटें जीतेगी और केंद्र में एनडीए की सरकार बनेगी। इसके साथ ही अमित शाह ने दावा किया कि 2014 में जिन 120 सीटों पर BJP नहीं जीती थी, उनमें से 80 सीटों पर उनकी जीत होगी।
अनिल सौमित्र ने अपने फेसबुक पोस्ट में विवादित टिप्पणी करते हुए कहा था, “महात्मा गाँधी राष्ट्रपिता थे, लेकिन पाकिस्तान राष्ट्र के। भारत राष्ट्र में तो उनके जैसे करोड़ों पुत्र हुए। कुछ लायक तो कुछ नालायक।”
मायावती ने एक बयान देते हुए कहा कि बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रधानमंत्री बनने के लिए तैयार है। इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री पद का सपना देख रही मायावती ने वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए अनफिट बताया।
उन्होंने मायावती के द्वारा भाजपा को मनुवादी बोलने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि भाजपा मुनुवादी थी तो उन्होंने पार्टी का समर्थन लेकर सरकार क्यों बनाई? उस समय उन्हें सत्ता सुख चाहिए था, तो भाजपा मनुवादी नहीं थी। 2014 में जब लोकसभा चुनाव में वो जीरो पर आ गईं, तो भाजपा पर हमलावर हो गई हैं।
आदरणीय(?) प्रतीक सिन्हा जी, इंटरव्यू ऐसे ही होता है- यही नियम है इंटरव्यू का कि कोई भी औड़म-बौड़म सवाल झटके में नहीं पूछा जा सकता। पत्रकारिता के समुदाय विशेष को “ब्रेकिंग न्यूज़” का माल मत परोसिए। यहाँ सबकी पोल-पट्टी खोली जाएगी।
लोकसभा चुनाव 2019 के अंतिम चरण में बशीरघाट में मतदान होगा। ध्यान देने वाली बात यह है कि बशीरघाट में 50 फ़ीसदी से अधिक लोग मुस्लिम हैं, पिछले साल वहाँ 2 बार साम्प्रदायिक हिंसा की घटनाएँ हो चुकी हैं।
ग्रेटा कहती हैं कि इन समस्याओं से जूझने के लिए सबसे बड़ा उपाय है कि हर व्यक्ति को पढ़ना चाहिए और खुद को शिक्षित बनाना चाहिए। तभी लोग समझ पाएँगे कि उन्हें क्या करना है। वो कहती हैं कि वो सिर्फ़ एक बच्ची हैं और संदेशवाहक की भूमिका में है।
रामदास अठावले का कहना है कि महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना के गठबंधन को 37 से 38 सीटें मिलेंगी, जबकि 2014 में उन्हें 42 सीटें मिली थीं। अठावले ने ओडिशा, पश्चिम बंगाल और दक्षिण भारत में भाजपा को अच्छी सीटें मिलने की संभावना जताई है।